जावरा (जगदीश राठौर ) महू नीमच राष्ट्रीय राजमार्ग के सोहनगढ़ फंटा से लेकर मानन खेड़ा टोलप्लाजा तक फोरलेन सड़क मार्ग पर गत करीब 12 वर्षों मे अनेक दुर्घटनाएं हुई और अनेक लोग कॉलकलवित एवं जख्मी हुए। इन दुर्घटनाओं के लिए जो भी दोषी है उन कारणों को चिन्हित कर दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए क्योंकि फोरलेन निर्माण के बाद वाहनों की अंधाधुंध दौड़ , गलत तरीके से टेकओवर, शराब एवं मादक पदार्थ का सेवन कर ड्राइविंग ,यातायात के नियमों की अनदेखी , सिग्नल पॉइंट बंद होना और रिफ्लेक्टर नहीं होना तो हे ही इसी के साथ फोरलेन सड़क मार्ग पर फॉरलेन कंपनी द्वारा बनाए गए रोड डिवाइडर को तोड़कर अपना व्यवसायिक हित साधना ही इन दुर्घटनाओं का कारण है। सबसे शर्मनाक बात यह है कि चौपाटी चौराहा पर अनेक दुर्घटनाएं हुई और मौत भी यहां ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए लेकिन यह ट्रैफिक सिग्नल मात्र कुछ दिन ही चले और अब मृतप्राय स्थिति में खड़े हैं ।
रतलाम यातायात पुलिस में पदस्थ रही मंदसौर जिले के नारायणगढ़ निवासी 24 वर्षीय महिला आरक्षक आरती व्यास की दर्दनाक मौत ने पुलिस महकमे को झकझोर कर रख दिया और इस मौत से सबक लेकर देर से ही सही पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने जावरा से लेकर माननखेड़ा तक पैदल भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान उन्हें क्रॉसिंग व अन्य सिग्नल बंद मिले पॉइंट पर रिफ्लेक्टर गायब मिले पुलिस अधीक्षक ने क्रॉसिंग टर्न और तमाम खतरनाक मोड़ की सूची बनाई और टोल प्लाजा कंपनी के कर्मचारियों को इसमें सुधार के निर्देश दिए।
सवाल यह उठता है कि करीब 12 वर्षों से जब जब भी दुर्घटनाएं हुई तब मीडिया ने प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि रतलामी नाका चौराहा , सर्किट हाउस चौराहा , चौपाटी चौराहा , चुरूवाला दाल मिल क्रॉसिंग , भीमाखेड़ी फाटक चौराहा उज्जैन मंदसोर होटल जोयो के तिराहे एवं अरनिया पीथा पर हुई दुर्घटनाएं एवं मौत पर यदि स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन समीक्षा कर कोई उचित कदम उठाता तो शायद आरती की मौत नहीं हो पाती। आश्चर्य की बात यह है कि भीमाखेड़ी फाटक पर दुर्घटना को रोकने के लिए नेताओं ने आंदोलन किए तो पुलिस प्रशासन ने मुकदमे दर्ज किए और न्यायालय से नेता निर्दोष साबित हुए।
सड़क दुर्घटनाओं मैं मौत को लेकर हर राजनैतिक दल , समाजसेवी संस्थाओं एवं आम लोगों की सोच में समानता लाना होगी l कुछ प्रभावी कदम जैसे सीसीटीवी कैमरे एवं यातायात नियमों के अधीन संसाधन जुटाने के लिए सामूहिक निर्णय करना होंगे इन सकारात्मक निर्णय को अमलीजामा पहनाना होगा अन्यथा इसी प्रकार निर्दोष लोगों की मौत का सिलसिला निर्बाध रूप से चलता रहेगा l