मुंबई में सैफ अली खान पर हुए हमले के सिलसिले में एक संदिग्ध को दुर्ग आरपीएफ ने हिरासत में लिया है और पूछताछ कर रही है। आरपीएफ ने शालीमार-ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस की जनरल बोगी से एक युवक को पकड़ा। जानकारी के मुताबिक, मुंबई पुलिस ने आरपीएफ को एक फोटो भेजी थी, जिसके आधार पर इस युवक की पहचान की गई।
यह युवक मुंबई से बिलासपुर की यात्रा कर रहा था और ट्रेन की जनरल बोगी में सफर कर रहा था। हाल ही में एक व्यक्ति ने बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान के मुंबई स्थित घर में घुसकर उन पर हमला किया था। इसी मामले में जांच के तहत दुर्ग आरपीएफ ने संदिग्ध को हिरासत में लिया।
आरपीएफ प्रभारी संजीव सिन्हा ने बताया कि मुंबई पुलिस द्वारा भेजी गई तस्वीर के आधार पर संदिग्ध युवक को पकड़ा गया। पकड़े गए युवक का नाम आकाश कैलाश कनौजिया है, जो मुंबई का निवासी है। युवक ने पूछताछ में बताया कि वह बिलासपुर से तिल्दा नेवरा में अपने परिचित के घर जाने की योजना बना रहा था।
आरपीएफ ने युवक की तस्वीर मुंबई पुलिस को भेजकर पुष्टि कराई है। हालांकि, फिलहाल आरपीएफ ने उससे कोई विस्तृत पूछताछ नहीं की है। मुंबई पुलिस के दुर्ग पहुंचने के बाद आगे की पूछताछ की जाएगी। मुंबई पुलिस रात 8 बजे रायपुर एयरपोर्ट पहुंचेगी और वहां से दुर्ग आएगी।
सैफ अली खान की तबीयत को लेकर अपडेट
अस्पताल के डॉक्टरों ने शनिवार को जानकारी दी कि सैफ की सेहत में अब सुधार हो रहा है। वह आईसीयू से बाहर आ चुके हैं और सामान्य आहार लेना शुरू कर दिया है। डॉक्टरों का कहना है कि सैफ को पूरी तरह से स्वस्थ होने में अभी समय लगेगा, लेकिन उनकी स्थिति स्थिर है और वह अपनी सेहत में सुधार महसूस कर रहे हैं।
सर्जरी से ही संभव हो पाया इलाज
बुधवार देर रात, बांद्रा स्थित घर में एक अजनबी ने अभिनेता पर हमला कर दिया। इस घटना में सैफ की गर्दन और रीढ़ की हड्डी के पास चाकू से गंभीर चोटें आईं। स्थिति गंभीर होने के कारण उन्हें तुरंत लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी इमरजेंसी सर्जरी करनी पड़ी।
डॉक्टरों ने चलने में की सहायता
लीलावती अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉ. नितिन डांगे ने शुक्रवार को बताया, “हम सैफ की सेहत पर लगातार नजर रख रहे हैं। उनकी रिकवरी हमारी अपेक्षाओं के अनुसार बेहतर हो रही है। फिलहाल उन्हें बेड रेस्ट की सलाह दी गई है। अगर वह आराम महसूस करते हैं, तो उन्हें अगले दो से तीन दिनों में अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है।” डॉ. डांगे ने यह भी बताया कि डॉक्टरों की एक टीम ने उनकी जांच की और उन्हें चलने के लिए प्रेरित किया।