इस वर्ष खरमास (Kharmas 2023)16 मार्च से शुरू हो रहे हैं। हिन्दू मान्यता के अनुसार खरमास का असर लगभग 1 माह तक चलता है। इस बीच ग्रहों की दशाएं प्रतिकूल होती हैं, इसलिए इस समयावधि में किसी भी प्रकार के मांगलिक और शुभ कार्य करने की मनाही होती है। ऐसा भी कहा जाता है कि ऐसा न करने पर वे कार्य सफल नहीं होते और इसमें सदैव समस्याएं झेलनी पड़ती हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगले एक माह तक आपको भूलकर भी कौन से कार्य नहीं करने चाहिए।
खरमास में नहीं किए जाते हैं शुभ और मांगलिक कार्य
हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार एक वर्ष में 12 संक्रांति आती हैं। इस बीच ग्रहों के राजा सूर्य एक राशि से गोचर कर दूसरी राशि में भ्रमण करते हैं। इसी घटना को संक्रांति कहा जाता है। ऐसा कहते हैं कि सूर्य देव का मीन या कुंभ राशि में गोचर करना अशुभ माना जाता है। ऐसी कंडीशन में सभी लोगों को अनेकों प्रकार के नुकसान और जोखिम उठाने पड़ते हैं और उनके कोई भी कार्य सफल नहीं हो पाते हैं।
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19 अप्रैल की रात को हो जाएगी समाप्ति
1.ऐसी मान्यता है कि खरमास के दिनों में भगवान सूर्यदेव की पूजा-उपासना करने से जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति काफी मजबूत होती है और व्यक्ति के जीवन में सुख और समृद्धि का भी आगमन होता है। इस महीने में आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करना विशेष फलदाई होता हैं.
2.खरमास में मनुष्य को दान-पुण्य आदि, करने से पुण्यों में वृद्धि होती है एवं जीवन में आए तमाम संकट दूर होने लगते हैं। भगवान श्री विष्णु के पसीने से तिल,कुश,कपास की उत्पत्ति हुई है इसलिए इन्हें बड़ा ही पवित्र माना गया है। खरमास में तिलदान करने से दु:स्वप्नों का नाश व विभिन्न रोगों से मुक्ति मिल जाती है।
3.खरमास में प्रतिदिन तुलसी पूजन अवश्य करना चाहिए और साथ ही घी का दीपक भीं जलाना चाहिए। साथ ही तुलसी की 11 बार परिक्रमा करें और ओम नमोः भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जप करें। ऐसा करने से यश व वैभव की प्राप्ति होती है। खरमास में तुलसी पूजा करने से सभी प्रकार के ग्रह-नक्षत्र शुभ फल देते हैं,जिससे जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और हर कार्य आसानी से बनने लगते हैं। मनुष्य को दांपत्य जीवन में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता हैं।
खरमास को मलमास भी कहा जाता है। मान्यता है कि खरमास (Kharmas 2023) लगने पर विवाह करना वर्जित हो जाता है। किसी भी प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान को करने से भी साफ़ इंकार किया जाता है। कोई भी नया बिजनेस या काम शुरू करने से परहेज किया जाता है। नई संपत्ति या मकान का निर्माण करना भी अत्यधिक अशुभ माना जाता है। इस बीच गृह प्रवेश या मुंडन संस्कार जैसे समस्त शुभ कार्य भी नहीं किए जाते हैं। खरमास की यह अवधि इस साल 19 अप्रैल को खत्म हो जाएगी। इसके अगले दिन मतलब 20 अप्रैल से गृह प्रवेश, मुंडन, विवाह, यज्ञ समेत अन्य मांगलिक कार्य फिर से प्रारम्भ हो जाएंगे।