MP News: मध्य प्रदेश में दो दिनों से झमाझम बारिश होने की वजह से पूरा निमाड़ क्षेत्र पानी पानी हो गया है। पानी की बाढ़ उतारने के बाद अब तबाही की मंजर दिखने लगे हैं। यह बोल लोगों का बहुत कुछ बहा कर ले गई है। गांव से लेकर शहर तक लोग आप अपना घरवार समेट रहे हैं। इस भारी बारिश ने गांव, खेत और खलियानों में बहुत नुकसान पहुंचाया हैं।
बाढ़ में बहा लोगों का आशियाना
वही सबसे ज्यादा बर्बादी मध्य प्रदेश की खंडवा में ओंकारेश्वर में देखने को मिली। ओंकारेश्वर बांध के गेट खोलने के बाद नर्मदा में आई बाढ़ में दुकान घर और आश्रम बह गए। बताया जा रहा है कि पानी का जल स्तर इतना तेज बाद की लोगों को समय ही नहीं मिला कि वह अपना कीमती और जरूरी सामान उठा सके।
पानी के उतरने के बाद दिखा तबाही का मंजर
ओंकारेश्वर में नर्मदा घाट से करीब 20 मीटर दूर तक का इलाका पानी में डूब गया। 127 लोगों को रेस्क्यू करना पड़ा। हालांकि अब नर्मदा का पानी उतर चुका है लेकिन हर तरफ तबाही का मंजर नजर आ रहा है। लोगों का आरोप हैं की बांध के गेट खोलने की सूचना समय पर नहीं दी गई।
बांध प्रबंधन पर लगे ये आप
स्थाही लोगों का आरोप हैं की बांध के गेट खोलने की सूचना समय पर नहीं दी गई। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने ओंकारेश्वर में आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का निरीक्षण किया था। सीएम के सत्कार की कार्य प्रशासन ने जानबूझकर बांध का पानी रोका उनके जाते ही रात में पानी छोड़ दिया गया। लोगों ने कहा कि इस नुकसान के लिए बांध प्रबंधन व प्रशासन जिम्मेदार है। वहीं दूसरी तरफ कलेक्टर ने सफाई दी की नर्मदा के कैचमेंट में अति बारिश की वजह से ओंकारेश्वर डैम के गेट खोलने पड़े।