MP Tourism : अगर इस गर्मी की छुट्टियों में आप ऐसी जगह पर घूमने का प्लान बना रहे हैं जहां पानी की बहती धारा और ठंडक का अहसास हो, तो मध्यप्रदेश आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यहां के झरने न केवल प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर हैं, बल्कि गर्मियों में इनकी ठंडी हवाएं और शीतल पानी आपको शांति और राहत का एहसास कराएंगे।
मध्यप्रदेश, जिसे ‘भारत का दिल’ कहा जाता है, इसके साथ ही इसे “नदियों का मायका” भी कहा जाता है, और यहां की नदियों के सहायक जलप्रपातों को प्रकृति की सबसे शानदार कृतियों में गिना जाता है। इन झरनों की तेज धाराएं और प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, और यह मध्यप्रदेश को एक प्रमुख पर्यटन स्थल बना देते हैं। अगर आप ठंडी हवा और जलप्रपातों के बीच शांति का अनुभव करना चाहते हैं, तो ये स्थान आपके लिए आदर्श हैं। आइए जानते हैं मध्यप्रदेश के कुछ बेहतरीन वाटरफॉल्स के बारे में…

MP Tourism : धुआंधार जलप्रपात (Dhuandhar Waterfall)
जबलपुर जिले के भेडाघाट में स्थित धुआंधार जलप्रपात नर्मदा नदी के किनारे एक जादुई दृश्य प्रस्तुत करता है। 30 मीटर ऊंचे इस जलप्रपात में शरद पूर्णिमा के दिन नर्मदा महोत्सव की धूम होती है। यहां की सफेद संगमरमर की चट्टानों पर चांदनी पड़ने से यह और भी मोहक दिखाई पड़ता है। इस स्थल पर बोटिंग का आनंद भी लिया जा सकता है, जो इसे और भी खास बनाता है।
तिनचा जलप्रपात (Tincha Fall)
इंदौर से महज 25 किमी दूर स्थित तिनचा जलप्रपात एक शानदार प्राकृतिक दृश्य प्रस्तुत करता है। यह झरना स्थानीय लोगों का प्रिय पर्यटन स्थल है, खासकर बरसात में इसकी खूबसूरती निखर जाती है। तिनचा गांव के पास स्थित इस जलप्रपात की ऊँचाई 300 फीट है, लेकिन इसके आसपास तैराकी और स्नान पर पाबंदी है, क्योंकि यह क्षेत्र जोखिमपूर्ण हो सकता है।
दूध धारा जलप्रपात (Doodh Dhara Fall)
मध्य प्रदेश के अनुपपूर जिले में स्थित दूध धारा जलप्रपात एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल भी है। यहां के पानी की धारा को लेकर मान्यता है कि यह स्थान दुर्वासा ऋषि के तपस्या स्थल के रूप में प्रसिद्ध था। इसके अलावा, एक और लोककथा के अनुसार नर्मदा नदी ने एक राजकुमार को दूध की धारा के रूप में दर्शन दिए थे, जिसके कारण इस जलप्रपात का नाम दूध धारा पड़ा। यह स्थल हर महीने हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है, जो 15 मीटर ऊंचाई से गिरते पानी का आनंद लेते हैं।
कपिलधारा जलप्रपात (Kapildhara Fall)
यह जलप्रपात मध्य प्रदेश के अमरकंटक में स्थित है, जो नर्मदा नदी पर बना पहला जलप्रपात है। यहां से नर्मदा नदी एक ऊंची चट्टान से गिरती है और लगभग 100 फीट की ऊंचाई से पानी गिरता है। कपिलधारा जलप्रपात का नाम यहां स्थित कपिल मुनि के आश्रम से जुड़ा है, जहां मुनि तपस्या करते थे। इस स्थल के चारों ओर हरियाली और पक्षियों की अद्भुत प्रजातियाँ इसे और भी आकर्षक बनाती हैं।
पातालपानी झरना (Patalpani Waterfall)
इंदौर शहर से करीब 35 किमी दूर स्थित पातालपानी झरना पर्यटकों के लिए एक अद्भुत स्थल है। यह जलप्रपात मौसम के हिसाब से बदलता है, और जुलाई से अक्टूबर तक यहां जाने का सबसे अच्छा समय होता है। 150 फीट ऊंचा यह झरना अपनी भव्यता से सबको आकर्षित करता है। यहां तक पहुंचने के लिए पातालपानी रेलवे स्टेशन से आसानी से यात्रा की जा सकती है।