करी पत्ते के बिना भारतीय रसोई अधूरी लगती है, लेकिन जब यही पौधा बार-बार सूख जाए तो निराशा होना लाजमी है। कई लोग बड़े जतन से इसे लगाते हैं, रोज़ पानी देते हैं, फिर भी कुछ ही समय में यह मुरझा जाता है। लेकिन इसका कारण यह नहीं कि आप गार्डनिंग नहीं कर सकते, बल्कि असली वजह है देखभाल में की गई छोटी-छोटी गलतियां।
करी पत्ता का पौधा गर्म और धूप वाली जलवायु में अच्छे से फलता-फूलता है। यह पौधा कम से कम 5 से 6 घंटे की सीधी धूप चाहता है। बहुत से लोग इसे धूप से बचाने के लिए घर के अंदर रख देते हैं, जिससे इसकी ग्रोथ रुक जाती है। इसके अलावा, ज्यादा पानी देना या पानी रुकने वाली मिट्टी का इस्तेमाल करना भी इसके लिए हानिकारक होता है।

ध्यान रखें कि मिट्टी में अच्छी ड्रेनेज होनी चाहिए ताकि अतिरिक्त पानी तुरंत निकल जाए। पानी तभी दें जब मिट्टी ऊपर से सूखी दिखे। हर रोज़ पानी देना इस पौधे के लिए नुकसानदेह हो सकता है। साथ ही, हर 15 दिन में वर्मी कम्पोस्ट या गाय के गोबर की खाद देना इसके पोषण के लिए जरूरी है।
करी पत्ते के पौधे में रसोई में मौजूद डालें ये एक चीज
आपको जानकर हैरानी होगी कि आपकी रसोई में मौजूद एक सामान्य चीज़, यानी छाछ, इस पौधे के लिए वरदान साबित हो सकती है। हफ्ते में एक बार छाछ को पानी में मिलाकर पौधे की जड़ों में डालें। इसमें मौजूद लैक्टिक एसिड और अच्छे बैक्टीरिया मिट्टी की सेहत को सुधारते हैं और पौधे की जड़ों को मज़बूती देते हैं।
छाछ न केवल मिट्टी की नमी को संतुलित करता है, बल्कि यह प्राकृतिक उर्वरक की तरह काम करता है। इससे पौधे को वह सूक्ष्म पोषक तत्व मिलते हैं जो सामान्य खाद में नहीं मिलते। कई अनुभवी गार्डनर्स बताते हैं कि छाछ या पुराने चावल का पानी गर्मियों में देने से करी पत्ता का पौधा तेजी से बढ़ता है।
पत्तों का रंग भी देता है संकेत
अगर आपके पौधे के पत्ते पीले पड़ने लगें तो यह संकेत है कि या तो पौधे को ज़रूरत से ज़्यादा पानी मिल रहा है या मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो गई है। ऐसे में तुरंत खाद देना शुरू करें और पानी की मात्रा को नियंत्रित करें।
बागवानी विशेषज्ञों का मानना है कि करी पत्ता एक बेहद कम मेंटेनेंस वाला पौधा है, लेकिन इसे सही जगह और सही मात्रा में देखभाल मिलनी चाहिए। यह पौधा धूप और हवा से प्यार करता है, इसलिए इसे खुले में रखें। सही देखभाल मिलने पर यह पौधा सालों तक ताजगी और खुशबू देता रहेगा।