भोपाल: पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने प्रदेश में सामान्य वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को दिए जाने वाले दस प्रतिशत आरक्षण देने का पालन न होने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा उन्होंने कहा कि अनारक्षित वर्ग को दिए गए आरक्षण का लाभ न मिलने से वे इससे मिलने वाले लाभ से वंचित हो रहे हैं।
नाथ ने अपने पत्र में कहा है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार द्वारा अनारक्षित श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया था। इस प्रावधान का उद्देश्य समाजमें सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोरों को शासकीय नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश हेतु आरक्षण का देना था। इससे भर्ती परीक्षाओं में आयु सीमा एवं परीक्षा शुल्क में रियायत, भर्ती परीक्षाओं में उत्तीर्ण अंकों में रियायत आदि का लाभ दिया जाना था। किंतु इन रियायतों का लाभ कमजोर वर्गके अभ्यर्थियों को नहीं मिल पा रहा है।
नाथ ने उदाहरण देते हुये बताया कि उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में उत्तीर्ण अंकों में रियायत प्रावधानित नहीं की गई है एवं इस कारण कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित किये गये पर रिक्त रहना संभावित है। इसी प्रकार पी.ई.बी. एवं राज्य लोक सेवा अयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में उम्र एवं परीक्षा शुल्क में कोई रियायत नहीं दी गई है।
नाथ ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग में आय के आधार पर क्रीमी लेयर एवं गैर क्रीमी लेयर का वर्गीकरण कर गैर क्रीमी लेयर को अन्य रियायती लाभ दिये गये हैं। सामान्य श्रेणी के कमजोर वर्गों के आरक्षण का आधार भी आय ही है। इस कारण से सामान्य श्रेणी के कमजोर वर्गों को भी अन्य पिछड़ा वर्ग के समान ही लाभ व रियायतें दी जानी चाहिये।
उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री से कहा कि अनारक्षित श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 प्रतिशत आरक्षण का वास्तविक लाभ प्राप्त हो सके इसके लिये शासन स्तर से समुचित दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।