तिल चतुर्थी पर इंदौर के खजराना गणेश को लगेगा सवा लाख लड्डुओं का भोग, जानें तिल चतुर्थी का महत्व

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इंदौर के अति प्राचीन और अटूट आस्था का केंद्र श्री खजराना गणेश मंदिर में नएसाल के बाद पड़ने वाली तिल चतुर्थी पर हर वर्ष विशाल मेले का आयोजन किया जाता है. वर्ष भर में सबसे अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ तिल चतुर्थी मेले में ही लगती है. इस साल भी यह प्रसिद्ध मेला आज (10 जनवरी) से प्रारम्भ होकर 12 जनवरी तक चलेगा. आज श्री खजराना गणेश मंदिर में प्रातः 8.30 अभिषेक, ध्वज, पूजन और महाआरती के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. विशेष बात ये है कि 1735 में खजराना गणेश मंदिर की प्रतिस्थापना भी तिल चतुर्थी के अवसर पर ही हुई थी. उस समय देवी अहिल्याबाई होलकर ने इस मंदिर की नींव रखी थी.

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खजराना गणेश मंदिर परिसर में लगने वाले तिल चतुर्थी मेले में हर वर्ष लाखों भक़्तजन आते हैं.पुजारी अशोक भट्ट ने बताया कि कोविड से पूर्व इस मेले के बीच 2019 में 7 से 8 लाख भक्तों ने भगवान के दर्शन किए थे. इस वर्ष भी करीबन इतनी ही भीड़ आने की आशंकाएं बनी हुई है.

खजराना गणेश मंदिर इंदौर में तिल चतुर्थी पर होगी पूजा नहीं लगेगा मेला - Worship will be held on Til Chaturthi in Khajrana Ganesh Temple Indore no fair will be held

साथ ही मंदिर के पंडित ने ये भी कहा कि इतनी भीड़ होने के बावजूद भी 45 मिनट के भीतर ही दर्शन करवा दिए जाएंगे. अधिक भीड़ होने के कारण 4-4 की कतार में खजराना गणेश के चलित दर्शन होंगे. मेला और मंदिर परिसर में पुलिस बल भी नियुक्त रहेगा. इसके अतिरिक्त कमेटी के 60 से अधिक कर्मचारी दर्शन व्यवस्था संभाल रहे हैं. यही नहीं, पार्किंग को लेकर भी खास व्यवस्था की गई है.

तिल चतुर्थी का महत्व

हिंदू धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, तिल चतुर्थी भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के लिए बहुत ही आवश्यक मानी गई है. इस दिन विशेषकर महिलाएं अपने पुत्र की लंबी उम्र और अच्छी सेहत के लिए उपवास रखती हैं. इस दिन प्रसाद के रूप में तिलकुट के लड्डू का भोग भगवान गजानन को चढ़ाया जाता है. इस चौथ को संकष्टी गणेश चतुर्थी या चौथ भी कहा जाता है.