सीहोर में प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी (pandit pradeep mishra) कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष महोत्सव के आयोजन में कथा वाचन कर रहें थें। 7 दिवसीय ये आयोजन विठलेश सेवा समिति द्वारा किया जा रहा था। जिसमें 3 लाख से भी ज्यादा लोग पहुँच गए थे, इस वजह से सारी व्यवस्थायें अनियंत्रित हो गई। और अंततः पंडित प्रदीप मिश्रा जी को कथा बीच में ही स्थगित करनी पड़ी।
अब इसे लेकर राजनीती भी शुरू हो गई हैं। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज पर तंज मारते हुए लिखा है कि महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या, शिवराज जी की सरकार , शिवराज जी का क्षेत्र और शिव ज्ञान की गंगा बहाने वाला “शिव महापुराण व रुद्राक्ष महोत्सव” का 7 दिवसीय महा आयोजन दबाव डालकर पहले दिन ही स्थगित करा दिया गया, क्योंकि प्रशासन लाखों श्रद्धालुओं की व्यवस्था संभालने में असफल साबित?
एक कथावाचक को आँखो में आंसू भरकर व्यासपीठ से इस सच्चाई को श्रद्धालुओं को बताना पड़े तो इससे शर्मनाक प्रदेश के लिये कुछ और हो नही हो सकता है। जो ख़ुद को धर्मप्रेमी बताते है यह है उनकी सरकार की हक़ीक़त। बड़ी संख्या में श्रद्धालु नाराज़ , प्रदेश के इतिहास में ऐसा कभी नही हुआ।
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वहीं अब इसे लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी प्रशासन पर हमला बोलते हुए कहा हैं कि महाशिवरात्रि पर्व के एक दिन पूर्व सीहोर में 11 लाख रुद्राक्ष अनुष्ठान जैसे अभूतपूर्व सनातनी धार्मिक कार्यक्रम को बीच में रोकने का दबाव बनाने का प्रशासन का आपराधिक कृत्य कहाँ तक जायज हैं।
महाशिवरात्रि पर्व के एक दिन पूर्व सीहोर में 11 लाख रुद्राक्ष अनुष्ठान जैसे अभूतपूर्व सनातनी धार्मिक कार्यक्रम को बीच में रोकने का दबाव बनाने का प्रशासन का आपराधिक कृत्य कहाँ तक जायज है??
सिर्फ लापरवाही या प्रशासन की माननीय @CMMadhyaPradesh की छबि को खराब करने का आपराधिक प्रयास! pic.twitter.com/g8FiFmz8Kx
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) March 1, 2022