कदम वाटिका की धरा हुई पावन, मालवा-निमाड़ के हजारों श्रद्धालु कर रहे कथा का श्रवण

Shivani Rathore
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पुरूषार्थ से व्यक्ति बदल सकता है अपना प्रारब्ध- पं. कमलकिशोर नागर

भागवत कथा में शुक्रवार को कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा, महिलाओं द्वारा मंगल गीत भी गाए जाएंगे

इंदौर 4 अप्रैल। वैसे तो प्रारब्ध बलवान होता है लेकिन प्रारब्ध बदला नहीं जा सकता, ऐसा कभी हुआ नहीं। भगवान शिव को वरने के लिए तीव्र तप कर देवी पार्वती ने वर के रूप में शिव को पाया। तीव्र तप से प्रारब्ध को बदला भी जा सकता है। उसी तरह तप करने से व्यक्ति भी अपने प्रारब्ध को बदल सकता है। प्रारब्ध को बदलने के लिए पुरुषार्थ बड़ा होना चाहिए। इसी तरह पाप से पुण्य का पलड़ा भारी होता है। हर मनुष्य के जीवन में संकट तो आते हैं लेकिन हमें इससे घबराना नहीं चाहिए। बस केवल श्रवण कुमार का प्रसंग याद कर लेना चाहिए इससे आपका वर्तमान परिस्थितियों से ध्यान हट जाएगा और पूर्व में किया गया पाप कर्म याद आ जाएगा, जिसके परिणाम स्वरूप वर्तमान में संकट आया है।

उक्त विचार गुरूवार को गोम्मटगिरी जम्बूर्डी हप्सी स्थित गोवर्धन गौशाला की कदम वाटिका में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा के तीसरे दिन की व्याख्या करते हुए मालवा माटी के संत पं. कमलकिशोर नागर ने व्यक्त किए। उन्होंने कथा में आगे कहा कि मनुष्य के जीवन में पुण्य के अवसर तो आते हैं लेकिन मनुष्य वह अवसर खो देता है। इसीलिए प्रारब्ध प्रबल हो जाता है।

श्रीमद् भागवत कथा आयोजक परमानंद गेहलोत, मुकेश गेहलोत एवं जयेश गेहलोत ने बताया कि गुरूवार को सात दिवसीय भागवत कथा के शुभारंभ अवसर पर व्यासपीठ का पूजन विधायक मधु वर्मा, जगदीश मिश्रा, बंटी मिश्रा, संदीप पटेल, राहुल पटेल, रामस्वरूप गेहलोत, आसाराम सरपंच, जगदीश मिश्रा, संतोष नीमचा सहित मालवा-निमाड़ के भक्तों ने किया। गुरूवार को कथा स्थल का नजारा देखने लायक था। हजारों की तादाद में पहुंचे गुरू भक्तों ने कथा श्रवण करने के साथ ही भजनों पर भी झूमे।

आज कृष्ण जन्म प्रसंग 

श्रीमद् भागवत कथा गोवर्धन गौशाला समिति के सरदारसिंह सोलंकी, विनोद सोलंकी एवं संतोष नीमचा ने बताया कि गोम्मटगिरी जम्बडऱ्ी हप्सी स्थित गोवर्धन गौशाला की कदम वाटिका में जारी भागवत कथा में शुक्रवार 5 अप्रैल को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का जीवंत उत्सव मनाया जाएगा। जिसमें श्रद्धालु माखन-मिश्री का भोग भी लगाऐंगे। भागवत कथा 8 अप्रैल तक प्रतिदिन 12 से 3 बजे तक आयोजित की जा रही है। प्रतिदिन यहां हजारों की संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं। वहीं गौ सेवादारों द्वारा भी कथा स्थल पर सेवाऐं प्रदान की जा रही है।

पुण्य की मटकी खुटने मत देना

मालवा माटी के संत पं. कमल किशोर नागर ने कहा कि जिस प्रकार शिव लिंग के ऊपर लटकी मटकी को आप कभी खाली नहीं होने देते दूध व पानी डालते रहते हो उसी तरह जीवन में ध्यान रखना पाप की मटकी फूटने मत देना और पुण्य की मटकी कभी खुटने मत देना। आप संसार के समक्ष तो पाप छुपा सकते हो लेकिन आपको अंत में जहां जाना है वहां कैसे छुपाओगे। इसलिए जीते जी पाप की मटकी फोड़ दो तो मरने के बाद मटकी फोडने की जरूरत ही ना पड़े।