रियासत के ताजिए की सेहराबंदी करने पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया, देश-प्रदेश के विकास की मांगी दुआ

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Gwalior: आज दुनिया भर में मोहर्रम मनाया जा रहा है बता दे कि दिल बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग ताजिए के साथ जुलूस निकालते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में लोग पूरी आस्था के साथ शामिल होते हैं। बता दें कि मोहर्रम आने से पहले ही बड़े-बड़े ताजियों का निर्माण किया जाता है जो भी काफी ज्यादा मेहनत का होता है।

इसलिए महीनों पहले ही तैयारी शुरू कर दी जाती है।ताजियों को बनाने के लिए रंग बिरंगे कागज के साथ ही बास की चिंपाल और लकड़ियों का उपयोग किया जाता है। ऐसे में भारत सरकार के मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी सदियों से चली आ रही सिंधिया राजवंश की परंपरा को निभाते हुए नजर आए और वह गोरखी के इमामबाड़े में रखे गए सिंधिया राजवंश के ताजिए पर सेहराबंदी की रस्म को अदा करने के लिए पहुंचे।

इस रस्म को पूरा करने के साथ ही उन्होंने देश की सुख शांति और समृद्धि के लिए दुआ मांगी। बताया जाता है कि सिंधिया राजवंश या तत्काल से ही सभी धर्मों के त्योहारों को मनाता है और उसमें शिरकत भी करता है मोहर्रम तेजुड़ी परंपरा भी सदियों से चली आ रही है, जिसे आज भी पूर्वजों के अनुसार मनाया जाता है।

आज भी सिंधिया राजवंश का ताजिया रखा हुआ है, जिस पर राजवंश के मुखिया सेहराबंदी करता है। सदियों से चली आ रही इस परंपरा को निभाने के लिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पहुंचे। इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जो ग्वालियर का पहला ताजिया है जो उनके प्रांगण में ही रखा हुआ है। उन्होंने बताया कि यह परंपरा रियासत काल से चली आ रही है, जिसे आज भी बखूबी निभाया जाता है।