झारखंड के सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए मंथन चल रहा है। दरअसल पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी को उनके मूल वेतन का 50फीसदी हिस्सा पेंशन के रुप में दिया जाता हैं। इसमें कर्मचारियों का महंगाई भत्ता भी शामिल होता है और डीए भी शामिल होता है। आम कर्मचारियों की तरह पेंशनधारियों को भी हर 6 माह में डीए में होने वाले बदलाव का भी लाभ मिलता हैं। साथ ही पेंशन कमीशन के लागू होने पर पेंशन रिवाइज्ड होने का भी लाभ मिलता है। पेंशनधारी के 80 वर्ष उम्र होने पर मूल पेंशन की 20 फीसदी बढ़ोतरी होती है, जो 85 साल होने पर 30 फीसदी, 90 साल होने पर 40 फीसदी, 95 साल होने पर 50 फीसदी, 100 साल होने पर 100 फीसदी बढ़ता है। साफ शब्दों में अगर कहे तो पेंशनधारक की उम्र 100 होने पर पेंशन दोगुना हो जाती है।
पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के बाद लगभग सवा लाख कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा और इससे लाभान्वित होंगे। संभावित आंकड़ों की अगर बात करे तो राज्य में करीब 1 लाख 35000 कर्मचारी ऐसे हैं जो नई पेंशन स्कीम के दायरे में आते हैं। राज्य सरकार अगर पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करती है, तो 1,35000 कर्मचारी इस दायरे में आयेंगे। जानकारी के लिए बता दें कि झारखंड में साल 2004 से नई पेंशन स्कीम को लागू किया गया है। लेकिन अब झारखंड के सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने को लेकर विचार कर रही है।
सीएम हेमंत सोरेन ने 15 अगस्त तक लागू करने की घोषणा की है। पेंशन योजना पर सरकार के आला अफसर भी विचार विमर्श कर रहे हैं कि इस योजना को कैसे क्रियान्वित किया जाए। कैसे इस योजना से कर्मचारियों को जोड़ा जाए। नई पेंशन योजना के तहत पेंशन फंड रेगुलेटरी डेवलपमेंट आथॉरिटी ऑफ इंडिया (पीएफआरडीएआइ) में जमा सरकारी सेवकों और राज्य सरकार की राशि को लेकर पेंच फंस रहा हैं। लेकिन जल्द ही इसका निराकरण भी किया जायेगा। सरकार इस मामले पर विचार विमर्श कर रही है।