Indian Air Force : भारतीय वायुसेना, जिन्हें “भारतीय स्काई गॉर्ड” भी कहा जाता है, भारतीय सशस्त्र बलों में एक महत्वपूर्ण और सशक्त संगठन है, जो आकाशीय रक्षा की जिम्मेदारी निभाता है। भारतीय वायुसेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी, और यह अब 91 वर्ष पूरे कर रही है।
इसके 9 दशकों के दौरान, भारतीय वायुसेना ने अपने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दायरे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह सभी प्रकार के आकाशीय ऑपरेशन्स का सामर्थ्य रखती है, जैसे कि युद्ध, हमले के खिलाफ सुरक्षा, और आपदा प्रबंधन।
भारतीय वायुसेना ने अपने समय के साथ आकाशीय युद्ध के लिए भी तैयारियां की है और नए तकनीकी उपकरणों का उपयोग करती है। इसके साथ ही, वह एक ऐतिहासिक और साहसी संगठन है जिसने अपने वीरता और सेवा के लिए देश को समर्पित किया है।
भारतीय वायुसेना का 91 वर्ष का सफर एक महत्वपूर्ण मिली-भगत का परिचय है, जो आकाश में हमेशा तैयार रही है और देश की सुरक्षा और सौर शक्ति के साथ निभाती है।
भारतीय वायुसेना ने अपने 91 वर्षों के इतिहास में कई महत्वपूर्ण मिशन और ऑपरेशन्स में भाग लिया हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख मिशन निम्नलिखित हैं।
वायुयान सशक्तिकरण
भारतीय वायुसेना ने अपनी वायुयान ताकत को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण मिशन चलाए हैं।
ऑपरेशन विजय
यह ऑपरेशन 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान के सैन्यवाद को रोकना और भारतीय आपातकालीन बलों को स्थिरता देना था।
ऑपरेशन राहत
यह ऑपरेशन भारतीय वायुसेना के द्वारा आपातकालीन परिस्थितियों में मानविक और साहित्यिक सहायता प्रदान करने के लिए आयोजित किया जाता है, जैसे कि बड़ी प्राकृतिक आपदाएँ या प्रकारिय घातकता की स्थितियों में।
ऑपरेशन विन्ध्याचल
यह ऑपरेशन 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान आयोजित किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य पाकिस्तानी वायुसेना के हमलों का निष्कर्षण करना था।
ऑपरेशन प्यूलिट
यह ऑपरेशन 1947 में जम्मू और कश्मीर में महज छह दिनों के बाद हिन्दू बहिनों के साथ हुई हिंसा के बाद आयोजित किया गया था। यह भारतीय वायुसेना के प्रथम ऑपरेशनों में से एक था।
ये कुछ महत्वपूर्ण मिशन थे, लेकिन भारतीय वायुसेना ने अपने संघटन के तहत और अन्य ऑपरेशनों में भी सक्रिय भूमिका निभाई है। वे देश की सुरक्षा और आकाशीय रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।