संस्कृति विभाग की साहित्य अकादमी(Sahitya Akademi) एक अनूठा उपहार देने जा रही है। साहित्य अकादमी, म प्र के निदेशक डॉ विकास दवे द्वारा स्वामी विवेकानंद जयंती पर युवा रचनाकारों के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी गई हैं उन्होंने एक प्रेस रिलीज़ जारी की हैं जिसमें उन्होंने लिखा हैं-“स्वामी विवेकानंद जयंती अर्थात ‘अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस’ पर एक लंबे समय से अपेक्षित शुभ समाचार आप सब तक पहुंचाते हुए आनंद की अनुभूति हो रही है। हम सब जानते हैं स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के संदर्भ में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश युवा रचनाकारों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना को मूर्त रूप देना चाहती थी। उस योजना को मा. मुख्यमंत्रीजी श्री शिवराज सिंह जी चौहान और संस्कृति मंत्रीजी सुश्री उषा ठाकुर दीदी की स्वीकृति प्राप्त हो गई है और आज युवा दिवस पर ही इस योजना की घोषणा करते हुए मैं अपने जीवन की धन्यता अनुभव कर रहा हूं। हम 75 युवा रचनाकारों को पुस्तक लेखन हेतु चयन करेंगे।
संपूर्ण मध्यप्रदेश के युवाओं से आव्हान करता हूं कि वे दिए गए पत्र के नियमों को समझकर साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश के पते पर अपनी पुस्तक की पूर्व योजना (सिनॉप्सिस) 5000 शब्दों में बनाकर प्रस्तुत करें। यदि आप चयनित होते हैं तो प्रत्येक को प्राप्त होंगे 50,000 (पचास हजार रु) छात्रवृत्ति के रूप में अर्थात 75 युवाओं को कुल 37 लाख 50 हजार की छात्रवृत्ति। साथ ही आपकी पुस्तक का प्रकाशन भी साहित्य अकादमी करेगी।”
मान. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीशिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत युवाओं के सशक्तिकरण और एक सीखने वाला इकोसिस्टम बनाने पर जोर दिया है, जो युवा पाठकों/सीखने वालों को दुनिया में भविष्य की नेतृत्व की भूमिकाओं के लिए तैयार कर सकता है। इस लक्ष्य को बढ़ावा देने और देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए YUVA युवा लेखकों को परामर्श (Mentoring Young Authors) हेतु प्रधानमंत्री की राष्ट्रीय योजना भविष्य के इन लीडर्स की नींच को मजबूत करने में योगदान देगी। भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर इस योजना तहत भारतीय साहित्य के नए प्रतिनिधियों को तैयार करने की परिकल्पना की गई है। मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर की यह मंशा थी कि यह भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, इसलिए मध्यप्रदेश में भी इस प्रकार की योजना को लागू किया जाना चाहिए। इस योजना से भारतीय विरासत, संस्कृति और स्वातंत्र्य समर से जुड़े अध्ययन/ लेखन को बढ़ावा देने के लिए युवा लेखकों को तैयार करने में मदद मिलेगी, जो न केवल विविध विषयों पर लिख सकेंगे बल्कि इच्छुक युवाओं को अपनी मातृभाषा में लिखने और राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करने का एक अवसर भी मिलेगा।
यह योजना 30 वर्ष से कम उम्र के युवा लेखकों का एक पुल तैयार करेगी । खुद को और प्रदेश की संस्कृति को किसी भी राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाना चाहते हैं। साथ ही इससे मध्यप्रदेश की संस्कृति और साहित्य को राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने में मदद मिलेगी। इस योजना में युवा लेखकों को फिक्शन नॉन-फिक्शन यात्रा संस्मरण, नाटक, कविता और ऐसे विभिन्न शैलियों के लेखन में कुशल बनाने हेतु प्रशिक्षण दिया जायेगा।
चयन प्रक्रिया
प्रदेशभर से साहित्य अकादमी को प्राप्त आवेदनों में से कुल 75 लेखकों का चयन किया जाएगा।
चयन साहित्य अकादमी द्वारा गठित एक समिति द्वारा किया जाएगा। प्रक्रिया जनवरी, 2022 प्रारंभ होकर 12 जनवरी 2023 को समाप्त होगी।
आवेदन 10 मार्च, 2022 तक भेजे जा सकेंगे।
मेंटरशिप योजना के तहत प्रतियोगियों मध्यप्रदेश स्वातंत्र्य समर जुड़े व्यक्ति, स्थान, घटना या किसी विशिष्ट केन्द्रित (पांच हजार) शब्दों की पांडुलिपि प्रस्तुत करनी होगी ताकि एक पुस्तक समुचित से संबंधित उपयुक्तता आंका सके। चयनित लेखकों नामों घोषणा साहित्य अकादमी वेबसाइट http://mpsahityaacademy.com पर की जाएगी।
प्रशिक्षण (3 महीने)
चयनित उम्मीदवारों लिए साहित्य अकादमी सृजनपीठों निदेशकों के मार्गदर्शन में ऑनलाइन/ऑफलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित जाएगा। ऑनलाइन/ऑफलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम होने के बाद, चयनित युवा लेखकों को साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित विभिन्न ऑन लाइन/ऑफलाइन शिविरों भी प्रशिक्षण दिया जाएगा
युवा लेखकों को साहित्यिक उत्सव, विभिन्न राज्य/राष्ट्रीय आयोजनों संवाद के माध्यम अपनी समझ का विस्तार करने और कौशल को मिलेगा।
मेंटरशिप योजना के तहत मेंटरशिप के अंत में 50,000 रुपये समेकित छात्रवृति का भुगतान किया जाएगा
पुस्तकों का प्रकाशन
मेंटरशिप कार्यक्रम तहत युवा लेखकों द्वारा लिखी पुस्तक या पुस्तकों की सीरीज साहित्य अकादमी (संस्कृति विभाग) द्वारा प्रकाशित की जाएगी। प्रकाशित पुस्तकों का लोकार्पण आगामी राष्ट्रीय युवा दिवस पर किया सकेगा। विभिन्न राज्यों के बीच साहित्य सांस्कृतिक करने श्रेष्ठ भारत बढ़ावा देने लिए प्रकाशित पुस्तकों का अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद भी किया जाएगा।