इंदौर जिले में भारत निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश द्वारा दिए गये निर्देशों के परिपालन में मतदाता सूची अद्धतन किये जाने हेतु संक्षिप्त पुनरीक्षण का कार्य जारी है। जिले में निर्धारित तिथियों में 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले युवाओं के नाम विशेष रूप से मतदाता सूची में जोड़े जा रहे हैं। युवाओं को इस संबंध में जागरूक करने के लिए महाविद्यालयों में जिला प्रशासन के अधिकारी पहुंच कर युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं कि वे अपने नाम मतदाता सूची में जुड़वाये। युवाओं को जागरूक करने के लिए कॉलेजों में कैम्पस एम्बेसेडर भी बनाए गए हैं। इनके द्वारा भी जागरूकता लाई जा रही है। इसी सिलसिले में संयुक्त कलेक्टर प्रतुल सिन्हां विभिन्न महाविद्यालयों में पहुंचकर युवाओं को जागरूक कर रहे हैं।
श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट इंदौर में पहुंचकर सिन्हाश ने विद्यार्थियों को मतदाता सूची में नाम जुड़वाने की प्रक्रिया समझायी। उन्होंने ऑनलाइन नाम दर्ज करने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। जिले में 18 से 19 वर्ष के युवा मतदाताओं के नाम जोड़े जाने के आवेदन पत्रों की संख्या अभी भी अत्यन्त कम है। उपरोक्त स्थिति के दृष्टिगत निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण एवं सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी विभिन्न महाविद्यालयों में जाकर युवा मतदाताओं को मतदाता सूची में नाम जुडवाने हेतु प्रेरित कर रहे हैं।
स्वीप गतिविधि के तहत वैष्णव मैनेजमेंट महाविद्यालय तथा एक्रोपॉलिस कॉलेज में एस.डी.एम. तथा निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा ऑनलाईन पोर्टल एवं ऐप नेशनल वोटर सर्विस पोर्टल तथा वोटर हेल्पलाईन ऐप की जानकारी देकर निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र प्रस्तुत करने का आव्हान किया गया। यह भी जानकारी दी गई कि यदि किसी विद्यार्थी का नाम पूर्व से अन्य स्थान पर है और वह वास्तविक रूप से अब इंदौर में निवास कर रहे हैं, तो ऐसे मतदाता फार्म-8 में आवेदन पत्र प्रस्तुत कर शिफ्टिंग की कार्यवाही करा सकते हैं। इसके लिये उन्हें पृथक फार्म भरकर नाम कटवाने की आवश्यकता नहीं है।
कार्यशाला में महाविद्यालय के एक शिक्षक द्वारा यह बताया कि भारत निर्वाचन आयोग की सूची में उनका नाम है, किन्तु नगर निगम की सूची में उनका नाम नहीं है। उन्हें इस आशय की जानकारी दी गई कि स्थानीय निर्वाचन के लिये मतदाता सूची राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार की जाती है, जबकि विधानसभा तथा लोकसभा निर्वाचन के लिये मतदाता सूची भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार तैयार की जाती है। जो स्थानीय निर्वाचन की सूची से पृथक होती है। मतदाता सूची का प्रकाशन इसलिये भी कराया जाता है कि संबंधित मतदाता वोटर लिस्ट में उनके नाम की प्रविष्टि के संबंध में पुष्टि कर लें। यदि किसी मतदाता का नाम मतदाता सूची में नहीं है तो वे फार्म-6 या फार्म-8 आवश्यकतानुसार भरकर नाम जुड़वा सकते हैं।
स्विप गतिविधि के तहत पंचायत एवं नगरीय क्षेत्र में स्वच्छता वाहन तथा अन्य माध्यम से लोगों को मतदाता सूची के पुनरीक्षण की जानकारी निरंतर दी जा रही है। जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा सभी पात्र व्यक्तियों से यह अनुरोध और अपेक्षा की गई है कि वे स्वयं ऑनलाईन आवेदन पत्र प्रस्तुत कर या बूथ लेवल अधिकारी के माध्यम से नाम जुड़वाने की कार्यवाही करें।