सात बार लगातार देश में सफाई में अव्वल रहे इंदौर ने भले ही आठवीं बार स्वच्छता अवॉर्ड जीतने के लिए कड़ी मेहनत की हो, लेकिन इस बार कुछ नई चुनौतियां सामने आई हैं। पहले की तुलना में अब शहरवासियों में सफाई के प्रति जागरूकता में कमी देखी जा रही है। इसका परिणाम यह है कि कई इलाकों में खुले में कचरा फिर से दिखाई देने लगा है। लोग बेकलेन में कचरा फेंकना सबसे आसान तरीका मानने लगे हैं, जिससे वहां हमेशा गंदगी फैली रहती है। अगर यह स्थिति नहीं सुधरी तो सर्वेक्षण के दौरान बेकलेन की समस्या इंदौर की रैंकिंग को प्रभावित कर सकती है। इसके साथ ही शहर के नाले भी अब तक पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त नहीं हो पाए हैं।
स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान भले ही नालों को अस्थायी रूप से साफ किया जाता हो, लेकिन सालभर नालों में गाद, गंदगी और कचरा जमा रहता है। संसाधनों के हिसाब से सूरत और नवीं मुंबई हमसे आगे हैं, क्योंकि इन शहरों में सफाई व्यवस्था को हर स्तर पर मजबूती से लागू किया गया है।
इंदौर की सफाई व्यवस्था में कमी, एक नई चुनौती
- शहर की बेकलेन में अब फिर से कचरा दिखाई देने लगा है। पहले आर्थिक दंड के कारण लोग कचरा फेंकने से बचते थे, लेकिन अब कचरे के ढेर फिर से नजर आ रहे हैं।
- इसके अलावा, शहर के पुराने हिस्सों में आज भी खुली नालियां, जलजमाव और नदियों में सीवेज पानी मिलना एक बड़ी समस्या है। इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में इन सभी समस्याओं का भी मूल्यांकन किया जाएगा, और इसके परिणामस्वरूप नंबर कम हो सकते हैं।
- सफाई के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी बढ़ी है, और कई बस्तियों में कचरे के ढेर खुले में पड़े नजर आते हैं।
- पब्लिक फीडबैक में इंदौर को कम अंक मिल सकते हैं, और 311 एप पर भी शिकायतों का समाधान समय पर नहीं किया जा रहा है।
- कचरे से कमाई के मामले में सूरत हमसे आगे है। इंदौर में सीएनजी प्लांट स्थापित तो किया गया है, लेकिन मिक्स कचरे के कारण अधिक सीएनजी उत्पादन संभव नहीं हो पा रहा है। वहीं, सूरत में कचरे से बिजली उत्पादन करने का प्लांट भी चालू हो चुका है।
इंदौर की सफाई की जांच का तरीका होगा अलग
इंदौर स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 की प्रक्रिया अब शुरू हो चुकी है। इस बार स्वच्छता सुपर लीग में इंदौर के साथ-साथ नवीं मुंबई और सूरत भी शामिल हैं, और इन शहरों से ही इंदौर का मुकाबला होगा। स्वच्छता में उत्कृष्टता दिखाने वाले शहरों के लिए इस साल एक अलग लीग बनाई गई है, जिसमें पिछले तीन वर्षों के दौरान लगातार टॉप थ्री में रहने वाले शहरों को स्थान दिया गया है। इंदौर, जो सात बार से पहले स्थान पर रहा है, को इस लीग में सबसे पहले शामिल किया गया है।
स्वच्छता सुपर लीग में शामिल हुए 12 शहर