Indore News: महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने ली शहरी गरीबी उपशमन प्रकोष्ठ विभाग की समीक्षा बैठक

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इंदौर। दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत शासन की जनकल्याणकारी योजनाएं जिनमें समग्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, मुख्यमंत्री कल्याणी पेंशन योजना, मुख्यमंत्री अविवाहित पेंशन योजना, मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्टीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्टीय निशक्तजन पेंशन योजना, पथ विक्रेताओ के व्यवसाय हेतु पीएम स्वनिधि योजना, कौशल प्रशिक्षण एवं प्लेंसमेंट के माध्यम से रोजगार, सामाजिक एकजुटमा एवं संस्थागत विकास, केश शिल्पी कल्याण योजना, मुख्यमंत्री शहरी घरेलु कामकाजी महिल्या कल्याण योजना, मुख्यमंत्री हाथ ठेला चालक कल्याण योजना एवं पथ विक्रय करने वालो के संबंध में योजना की समस्त जानकारी प्रेजटेशन के माध्यम से दी गई।

इस दौरान महापौर द्वारा आवेदन किस प्रकार से पोर्टल पर अपलोड होते है और किस प्रकार से आगे की कार्यवाही होती है इस संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली गई। इसके साथ ही महापौर भार्गव द्वारा शहरी गरीबी उपशमन प्रकोष्ठ विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का जिन भी पात्र हितग्राही को लाभ प्राप्त हुआ है, उसकी व रोजगार की जानकारी व व्यवसाय को सोशल मीडिया पर जारी करे, ताकि निगम द्वारा किये जा रहे कार्यो की जानकारी अन्य नागरिकों को भी प्राप्त हो।

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महापौर व आयुक्त द्वारा प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत पथ विक्रेताओं को मिलने वाले लोन प्रकरणो की भी समीक्षा करते हुए, वर्तमान में कितने हितग्राहियो को लाभ प्राप्त हुआ है के संबंध में भी जानकारी ली गई। इस दौरान महापौर व आयुक्त पाल ने कहा कि शासन की जनकल्याणकारी योजनाओ को प्रत्येक पात्र हितग्राहियों को लाभ प्राप्त हो।

इससे संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए, उन्होने कहा कि शासन की जनकल्याणकारी योजनाओ से संबंधित आवश्यक जानकारी के बैनर व पेम्पलेटस जिनमें योजना का नाम, योजना में आवेदन प्रक्रिया में संलग्न दस्तावेज की सूची, आवेदन के पश्चात कितने दिनो में निराकरण होगा आदि समस्त सरल भाष में जोन कार्यालय में बोर्ड लगाने व जानकारी के पेम्पलेट आदि संबंधित क्षेत्रीय पार्षदो को उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये गये। साथ ही जोन स्तर पर प्राप्त योजनाओ के आवेदन रजिस्टर मे दर्ज होने के साथ ही संबंधित आवेदक को पावती पर्ची भी दी जावें, ताकि प्रकरण निराकरण के संबंध में सुविधा हो।