इंदौर: देश की एवं मालवा की लोक संस्कृति को संरक्षित व संवर्धित करने एवं लोक कला को पुनः स्थापित करने के उद्देश्य को लेकर लोक संस्कृति मंच पूरे वर्ष भर कई कार्यक्रमों का आयोजन करता है। लोक संस्कृति मंच के संयोजक एवं सांसद शंकर लालवानी के नेतृत्व में इस वर्ष मालवा उत्सव आयोजन 25 मई को लालबाग परिसर इंदौर पर होने जा रहा है
लोक संस्कृति मंच के संयोजक एवं सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि इस वर्ष मालवा उत्सव इंदौर गौरव दिवस के अंतर्गत मनाया जा रहा है । सांस्कृतिक संध्या का प्रारंभ सायंकाल होगा जिसमें गुजरात का गरबा ,महाराष्ट्र का कोली एवं लावणी, बधाई, जनजातीय नृत्य, गणगौर एवं इंदौर के कलाकारों को मंच पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा ।
होलकर कालीन भव्य मंच लोक संस्कृति मंच के सचिव दीपक लंवगड़े ने बताया कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए तैयार किया गया मंच इंदौर गौरव उत्सव से प्रेरित होकर होलकर कालीन बाड़े के रूप में दिखाई देगा इसमें जहां महेश्वर घाट भी दिखेगा तो शिव मंदिर भी दृष्टिगोचर होगा होलकर कालीन बाड़े की भव्यता को दर्शाते दो भव्य हाथी द्वार पर बैठे नजर आएंगे ।वही मंच के मध्य देवी अहिल्या बाई भी दिखाई देगी इसमें कई झरोखे भी होंगे। मंच 100×80 पर बना होगा जिसकी ऊंचाई करीब 45 फीट होगी। रुशु आर्ट के करीब पचास कलाकारों ने दिन रात परिश्रम करके इस मंच को 10दिनो में तैयार किया है।
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4:00 बजे होगा उत्सव प्रारंभ
रितेश पाटनी एवं विशाल गिदवानी ने बताया कि ने बताया कि शिल्प मेला प्रतिदिन सायंकाल 4:00 बजे से प्रारंभ होगा सांस्कृतिक कार्यक्रम सायंकाल 7:30 बजे से होंगे और इंदौर गौरव दिवस के तहत कई आयोजन होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा रोड शो भी लालबाग पर किया जावेगा।
शिल्प बाजार….
लोक संस्कृति मंच के कार्यालय प्रभारी सतीश शर्मा एवं कोषाध्यक्ष पवन शर्मा ने बताया कि शिल्प बाजार में इस वर्ष मुख्य आकर्षण अंतर्राष्ट्रीय शिल्पकार रहेंगे। जिसमें अफगानिस्तान से भव्य कालीन पाएंगे तो बांग्लादेश से भव्य जूट के आर्टिकल्स यहां मिलेंगे वही लेबनान सीरिया एवं नेपाल के शिल्प भी यहां होंगे। कश्मीर, कर्नाटक ,पश्चिम बंगाल ,आसाम के शिल्प होंगे जिनमें पोचमपल्ली साड़ियां ,जूट वर्क की कलाकृतियां सहित छत्तीसगढ़ का लोहा शिल्प, महेश्वरी साड़ियां, नागालैंड का ड्राई फ्लावर ,पंजाब की फुलकारी ,हरियाणा टेराकोटा, पोकरण से मिट्टी शिल्प आकर्षण का केंद्र रहेंगे। वही आसाम का केन फर्नीचर बास शिल्प भी यहां पर होगा। साथ ही यहां पर बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले एवं विभिन्न प्रकार के खेल यहां मौजूद रहेंगे। मालवीय व्यंजनों के साथ देश भर के व्यंजनों का स्वाद भी यहां पर लिया जा सकेगा।
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जनजाति कला को विशेष स्थान
रितेश पिपलिया एवं कमल गोस्वामी एवं बंटी गोयल ने बताया कि इस वर्ष जनजातीय लोक कला को विशेष स्थान दिया गया है जिसमें करीब 50 से अधिक शिल्पकार एक अलग झोन में मौजूद रहेंगे एवं अपनी जनजाति कला को प्रदर्शित करेंगे इसमें सिक्किम मणिपुर, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल, हिमाचल के जनजातीय लोक शिल्प को देखने का मौका एवं खरीदने का मौका इंदौर एवं आसपास के लोगों को मिलेगा। मालवा उत्सव में विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए कंचन गिदवानी, पंकजफतेह चंदानी, दिलीप सारड़ा, महेश जोशी, सोना कस्तूरी, जुगल जोशी, मुकेश पांडे ,विकास आदि को नियुक्त किया गया हैं।