सोना-चांदी व्यापारियों का विरोध प्रदर्शन, सराफा में नहीं लगने देंगे चौपाटी, रात तक खुली रखेंगे आभूषणों की दुकानें

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By Abhishek SinghPublished On: August 27, 2025

इंदौर में स्वाद के लिए प्रसिद्ध सराफा चौपाटी का विवाद अभी भी शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को हुई बैठक में मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने स्पष्ट किया कि सराफा चौपाटी को हटाया नहीं जाएगा, क्योंकि यह इंदौर की पहचान और शान है। हालांकि, सराफा व्यापारी इस निर्णय से संतुष्ट नहीं हैं।


1 सितंबर से नहीं लगने देंगे चौपाटी

व्यापारियों ने मंगलवार को बैठक कर निर्णय लिया कि 1 सितंबर से सराफा चौपाटी नहीं लगेगी। उनका आरोप था कि जब निगम ने विजय नगर क्षेत्र में चौपाटी हटाई और कुछ दुकानों को तोड़ा, तो फिर सराफा चौपाटी के मामले में दोहरा रवैया क्यों अपनाया जा रहा है। बैठक में व्यापारियों को शपथ पत्र भी प्रदान किए गए और उन्हें भरकर वापस जमा कराने का निर्देश दिया गया।

सराफा व्यापारी अब नहीं लेंगे फुटपाथ किराया

असल में सराफा व्यापारी ही चौपाटी के लिए दुकानदारों को हर माह 10 से 20 हजार रुपये तक फुटपाथ किराए के रूप में देते हैं। अब उन्होंने निर्णय लिया है कि सितंबर से यह किराया वसूल नहीं किया जाएगा। बैठक में यह भी तय किया गया कि सराफा व्यापारी अपनी दुकानें रात 10 बजे तक खुली रखेंगे और उनके सामने किसी भी प्रकार की चौपाटी नहीं लगने दी जाएगी।

चौपाटी को गाँधी हॉल में शिफ्ट करने पर ज़ोर

सराफा में हुई बैठक में व्यापारियों ने बताया कि परंपरागत व्यंजनों की दुकानें हमेशा सराफा क्षेत्र में थीं, और लोग उन्हें खाने के लिए यहां आते थे। बाद में चौपाटी का निर्माण हुआ, लेकिन यह इंदौर की असली पहचान नहीं है। सराफा में कई पुरानी व्यंजन दुकानों को चौपाटी हटने के बाद भी सुरक्षित रखा जाएगा। चौपाटी में अब खाना तैयार किया जाता है, जिससे आग लगने का खतरा बना रहता है, जबकि दुकानों में लाखों रुपये के आभूषण सुरक्षित रखे जाते हैं। आग लगने की स्थिति में करोड़ों का नुकसान हो सकता है। व्यापारियों ने यह भी कहा कि चौपाटी में दिन-प्रतिदिन भीड़ बढ़ती जा रही है, और नगर निगम इसे गांधी हॉल में स्थानांतरित करने पर विचार कर सकता है।