इंदौर के डॉक्टर ने बनाई डाक्यूमेंट्री फिल्म, 11वें गोवा शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में मिला ‘बेस्ट नॉन-फिक्शन फिल्म’ का अवार्ड

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क्लेफ्ट लिप (कटे होठ) और क्लेफ्ट पैलेट (कटे तालू) एक ऐसी समस्या है, जिसकी वजह से कई बच्चों का जीवन जन्म से ही संघर्षमय हो जाता है। इस समस्या के कारण बच्चे न तो सही से खाना खा पाते हैं और न ही सही से बोल पाते हैं। यह समस्या उनके चेहरे को भी असामान्य बना देती है। इन बच्चों के इलाज के लिए स्माइल ट्रेन, जो कि एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, केयर सीएचएल हॉस्पिटल में एक प्रोजेक्ट चला रही है, जिसके तहत इन बच्चों के निशुल्क ऑपरेशन नियमित रूप से किए जाते हैं।

स्माइल ट्रेन के सर्जन एवं प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. जयदीप सिंह चौहान ने बताया, “हम बहुत खुश हैं कि हमारे स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट के 18 वर्ष पूरे होने वाले हैं। इस अवधि में हमने न केवल इंदौर, बल्कि प्रदेश और देश के 10,000 से अधिक बच्चों के सफल निशुल्क ऑपरेशन किए हैं। हमारी इस कोशिश ने न केवल बच्चों की ज़िंदगी बदली है, बल्कि उनके परिवारों के मन में भी उम्मीद जगाई है कि उनके बच्चे सामान्य जीवन जी सकेंगे।”

स्माइल ट्रेन की इस टीम में डॉ. चौहान के अलावा डॉ. मीनू चड्ढा, डॉ. मनीष जैन, डॉ. सर्वप्रिया शर्मा, डॉ. अमित चौरसिया, डॉ. यश मेहता, डॉ. मनीष शर्मा और जागृति जूनवाल शामिल हैं। इस समस्या और इसके इलाज के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए डॉ. चौहान ने स्वास्थ्य विभाग की मदद से एक डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई है, जिसे हाल ही में 11वें गोवा शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में ‘बेस्ट नॉन-फिक्शन फिल्म’ के अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

6 मिनट की यह शॉर्ट फिल्म उन बच्चों के लिए बनाई गई है, जो क्लेफ्ट लिप और क्लेफ्ट पैलेट से पीड़ित हैं और किसी कारणवश इसके इलाज से वंचित रह जाते हैं, विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले बच्चे। यह फिल्म ऐसे बच्चों को चिन्हित करके उनके इलाज कराने में स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ताओं के योगदान को दर्शाती है।

अवार्ड मिलने के बाद इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म की पहली स्क्रीनिंग 30 नवंबर को एक कार्यक्रम में की जाएगी, जो विशेष रूप से शासकीय विभागों के लिए आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि इंदौर के कमिश्नर  दीपक सिंह और विशिष्ट अतिथि कलेक्टर आशीष सिंह होंगे। यह फिल्म यूट्यूब पर भी उपलब्ध है।