दूध-पनीर-मक्खन सहित घटे इन खाद्य पदार्थों के दाम, जीएसटी स्लैब में हुए सुधारों का दिखा असर, आम जनता की जेब का बोझ होगा कम

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By Kalash TiwaryPublished On: September 16, 2025
GST Milk rate

Diary Product Rate Decrease : केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जीएसटी स्लैब में किए गए सुधार के बाद अब उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है। अग्रिम बदलाव लागू होने से पहले ही कई चीजों के दामों में गिरावट देखने को मिली है।


दरअसल जीएसटी स्लैब में हुए बदलाव 22 सितंबर से लागू होंगे। इससे पहले ही मदर डेयरी ने दूध सहित अन्य डायरी और पैक्ड खाद्य पदार्थों की कीमत में कमी की है।

क्या हुए बदलाव

जीएसटी स्लैब में हुए बदलाव के बाद 1 लीटर टोंड ट्रेटा पैक दूध का दाम 77 से हटाकर 75 रूपए कर दिया गया है। इसके अलावा 450 मिली पैक दूध के दाम अब 33 से घटकर 32 रूपए कर दिए गए हैं। फ्लेवर्ड मिल्कशेक के 180 मिलीलीटर के पैक की कीमत 30 रूपए से घटकर 28 रूपए हो गई है जबकि पनीर के दामों में भी कटौती हुई है।

200 ग्राम पैकेट अब 95 की जगह 92 रुपए में मिलेगा जबकि 400 ग्राम पनीर का पैकेट 180 रुपए की जगह 174 रुपए में उपलब्ध होगा। मक्खन और घी की कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई है। 500 ग्राम मक्खन की कीमत जहां पहले 305 रुपए थी। वहीं अब घटकर 255 रुपए हो गई है जबकि 1 लीटर की टीन पैक 750 की जगह अब 720 रुपए में लिया जा सकेगा।

कीमत में भी गिरावट

इसके अलावा आइसक्रीम, आचार, जैम, टमाटर की प्लूरी, नारियल पानी और फ्रोजन में मटर जैसे अन्य सामानों की कीमत में भी कमी देखने को मिली है। इनकी कीमत में भी गिरावट दर्ज की गई है।

जीएसटी स्लैब में हुए बदलाव का क्या है असर

केंद्र सरकार ने 3 सितंबर को जीएसटी सुधारों की घोषणा की थी। जिसमें कई जरूरी सामानों पर टैक्स स्लैब को कम किया गया था। उन उत्पादों पर टैक्स स्लैब को घटाकर दो मुख्य श्रेणियां सिर्फ पांच प्रतिशत और जीरो प्रतिशत जीएसटी में लाया गया है।

दूध पनीर जैसे डेयरी उत्पादन अब 0% जीएसटी या 5% जीएसटी स्लैब में जोड़े गए हैं। 22 सितंबर से यह नए दरें लागू होगी। मदर डेयरी ने यह कदम नई स्लैब लागू होने से पहले उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए उठाया है।

उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ

रोजमर्रा के डेयरी आइटम जैसे दूध, पनीर, मक्खन के दामों में हुई गिरावट का असर घरेलू बचत पर दिखेगा और इसे आम जनता को बचत होगी। पैक्ड खाद आइटम जैसे जैम, अचार और फ्रोजन उत्पादों के दाम में गिरावट से रोजमर्रा की खरीदारी सस्ती होगी जबकि जीएसटी की दरों में हुए बदलाव से महंगाई पर भी नियंत्रण लगाया जा सकेगा।