संगीत से राजनीति तक, पहली बार चुनावी मैदान में उतरीं Maithili Thakur ने रच दिया इतिहास, बनीं विधानसभा की सबसे कम उम्र की विधायक

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By Raj RathorePublished On: November 15, 2025

बिहार की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है। अपनी सुरीली आवाज से देश-विदेश में पहचान बनाने वाली प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने अब सियासत के मैदान में भी अपनी छाप छोड़ी है। 14 नवंबर को घोषित हुए बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों में मैथिली ठाकुर ने शानदार जीत दर्ज की है। इस जीत के साथ ही उन्होंने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है और वे बिहार विधानसभा के लिए चुनी जाने वाली अब तक की सबसे कम उम्र की विधायक बन गई हैं।



चुनाव आयोग द्वारा जारी नतीजों के अनुसार, मैथिली ठाकुर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वियों को एक महत्वपूर्ण अंतर से हराया। उनका मुख्य मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अनुभवी नेता विनोद मिश्रा और जन सूरज पार्टी के उम्मीदवार विप्लव कुमार चौधरी से था। चुनावी विशेषज्ञों का मानना है कि मैथिली की लोकप्रियता और युवाओं के बीच उनकी मजबूत पकड़ ने इस जीत में अहम भूमिका निभाई है।

कौन हैं मैथिली ठाकुर?

मैथिली ठाकुर का नाम संगीत की दुनिया में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। बिहार के मधुबनी जिले में जन्मी मैथिली ने बहुत ही कम उम्र में शास्त्रीय और लोक संगीत में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। सोशल मीडिया और रियलिटी शो के माध्यम से उन्हें जबरदस्त लोकप्रियता मिली। उनके गाए पारंपरिक लोकगीत, भजन और छठ के गीत करोड़ों लोगों द्वारा पसंद किए जाते हैं। राजनीति में उनका प्रवेश कई लोगों के लिए चौंकाने वाला था, लेकिन उनके समर्थकों का मानना है कि वे अपनी साफ छवि और जमीनी जुड़ाव के कारण राजनीति में भी सफल होंगी।

कला से सियासत तक का सफर

मैथिली ठाकुर का राजनीति में आना बिहार की सियासत में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत माना जा रहा है। वे उन युवा चेहरों में से एक हैं जिन्होंने पारंपरिक राजनीतिक समीकरणों को चुनौती दी है। अपनी चुनावी सभाओं में उन्होंने विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर जोर दिया। उनका कहना था कि जिस तरह उन्होंने अपनी कला से बिहार की संस्कृति को विश्व पटल पर पहुंचाया, उसी तरह वे विधायक बनकर अपने क्षेत्र के लोगों की आवाज को विधानसभा में उठाएंगी और विकास के नए आयाम स्थापित करेंगी।

बिहार विधानसभा में सबसे युवा प्रतिनिधि

इस जीत ने मैथिली ठाकुर को बिहार विधानसभा के इतिहास में एक खास जगह दिला दी है। वे अब तक की सबसे कम उम्र की विधायक के रूप में सदन में प्रवेश करेंगी। इससे पहले भी कई युवा नेता विधानसभा पहुंचे हैं, लेकिन मैथिली ने उम्र के इस रिकॉर्ड को तोड़कर एक नई मिसाल कायम की है। उम्मीद की जा रही है कि सदन में उनकी मौजूदगी युवा वर्ग से जुड़े मुद्दों को और अधिक प्रमुखता से उठाने में मदद करेगी। अब देखना यह होगा कि संगीत के मंच पर सफलता हासिल करने वाली मैथिली, राजनीति की चुनौतियों का सामना कैसे करती हैं।