कोविड पेशेंट और पुलिस को फूड-पैकेट वितरित करगा IIM इंदौर, प्लाज्मा-डोनर प्रबंधन के लिए पहल

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By Rishabh JogiPublished On: April 28, 2021

आईआईएम इंदौर का मिशन है सामाजिक रूप से जागरूक रहना और विद्यार्थियों को ऐसे लीडर और मैनेजर बनाना जो जागरूक हों । इसी उद्देश्य से आईआईएम इंदौर ने समाज की भलाई में योगदान के लिए फिर एक कदम उठाया है।साथ ही, संस्थान के पूर्व छात्रों ने भी कोरोनाकाल के दौरान जरूरतमंदों को प्लाज्मा डोनर उपलब्ध कराने का जिम्मा लिया है ।

अपने संस्थागत सामाजिक उत्तरदायित्व (Institutional Social Responsibility/ISR) के तहत, संस्थान ने आस-पास के अस्पतालों और क्षेत्र के दोनों पुलिस स्टेशनों में प्रतिदिन 200 लंच और 200 डिनर पैकेट वितरित करने का निर्णय लिया है। आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रोफेसर हिमाँशु राय ने इस पहल के बारे में अपने विचार साझा करते हुए कहा, ‘हम हमेशा समाज कल्याण के लिए कदम उठाने और  सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए प्रयासरत रहे हैं। वर्तमान समय मेंसभी अस्पताल भरे हुए हैं और मरीज अपने परिवार के सदस्यों से भी नहीं मिल सकते हैं। उन सभी को पौष्टिक भोजन प्राप्त हो,यह सुनिश्चित करने के लिए हम आस-पास के अस्पतालों में इलाज करा रहे सभी रोगियों को फूड पैकेट प्रदान करेंगे।’ हम अपने आस-पास के सभी थानों के पुलिसकर्मियों को भी धन्यवाद स्वरुप हर रोज़ पैक्ड फूड भी देंगे,उन्होंने कहा।

कोविड पेशेंट और पुलिस को फूड-पैकेट वितरित करगा IIM इंदौर, प्लाज्मा-डोनर प्रबंधन के लिए पहल

उन्होंने प्रबंधन में पांच वर्षीय एकीकृत कार्यक्रम (आईपीएम) के15 पूर्व छात्रों के समूह की भी सराहना की, जो अपनी पहल’नीडप्लाज्मा’ के जरिए अब तक 525 से अधिक रोगियों को उनके संबंधित प्लाज्मा डोनर से मदद दिलवाने में सफल रहे हैं ।जून 2020 में दिल्ली से शुरू हुई इस पहल में500 से अधिक वॉलंटियर शामिल हैं और आज यह राष्ट्रीय स्तर तक विस्तारित हो चुकी है ।

संस्थापक प्रशांत सैनी, (आईपीएम 2013-18) के अनुसार, पहल का उद्देश्य लोगों को प्रोत्साहित कर प्लाज्मा दान करने के लिए प्रेरित करना है, क्योंकि प्लाज्मा दाताओं की बेहद कमी है। यह समूह एक स्वयंसेवक-आधारित मॉडल के तहत कार्यरत है, जो दान प्रक्रिया को अधिक व्यक्तिगत बनाता है।

‘डोनर की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, लेकिन मांग अभी भी बहुत ज्यादा है। प्लाज्मा दान करने से सम्बंधित बहुत सारी आशंकाएं और चिंताएं होती हैं,  और कुछ स्थितियां जैसे दिल / फेफड़े / किडनी रोग, गर्भावस्था, आदि संभावित दाताओं को अयोग्य बना देतीहैं,जिससे वास्तविक दाताओं की संख्या को और भी कम है’, पलक अग्रवाल (आईपीएम 2013-18) और अंकित गुप्ता (आईपीएम 2015-20) ने कहा।

नीड प्लाज्मा के इस समूह को पिछले महीने में ही 8,000 से अधिक अनुरोध प्राप्त हुए हैं, और इंदौर में विशेष रूप से प्राप्तकर्ता दाता अनुपात 1: 8 है, जिससे गंभीर स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है। जो लोग डोनर बनने के इच्छुक हैं, वे खुद को needplasma.in या किसी अन्य संस्था में प्लाज्मा दान के लिए पंजीकृत करा सकते हैं।

इससे पहले, आईआईएम इंदौर के सुरक्षा कर्मचारियों ने भी बंद के दौरान नजदीकी पुलिस स्टेशन में विशेष पुलिस अधिकारी के रूप में स्वेच्छा से काम किया। संस्थान ने महामारी, मानसिक स्वास्थ्य और प्रबंध संबंधी चिंता के बारे में जागरूकता के लिए एक वेबिनार श्रृंखला भी आयोजित की; और ऑनलाइन शिक्षण के दौरान तनाव और समय का प्रबंधन करने में मदद करने के लिए सरकारी स्कूलों के स्कूल शिक्षकों के लिए वीडियो मॉड्यूल बनाने के लिए राज्य सरकार के साथ सहयोग किया। आईआईएम इंदौर सदैव प्रासंगिक रहा है और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए हमेशा उत्सुक रहेगा।