ओरछा किला परिसर को मिलेगा नया रूप, खजुराहो की तर्ज पर होगा विकास और बढ़ेगा पर्यटन का आकर्षण

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By Pinal PatidarPublished On: November 2, 2025

मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक और विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी ओरछा (Orchha) एक नए रूप में नजर आने जा रही है। अब यहां का भव्य किला परिसर (Fort Complex) उसी तरह विकसित किया जाएगा, जैसे खजुराहो के “ग्रुप ऑफ टेंपल्स” को विश्व स्तर पर संरक्षित और संवारा गया है। इसके लिए प्रशासन ने 13.378 हेक्टेयर भूमि को अधिग्रहित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह पूरी जमीन 48 खातेदारों के नाम दर्ज है और जल्द ही इसे पर्यटन विभाग (MP Tourism) को सौंपा जाएगा। पर्यटन विभाग इस क्षेत्र में न केवल विकास कार्य करेगा बल्कि यहां मौजूद ऐतिहासिक धरोहरों और स्मारकों का संरक्षण भी सुनिश्चित करेगा।

श्रीराम राजा लोक के बाद अब किला परिसर का कायाकल्प



ओरछा पहले से ही श्रीराम राजा लोक परियोजना के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हो चुका है। अब सरकार इस दिशा में एक और बड़ा कदम उठा रही है। किला परिसर के आसपास की जमीन पर वर्षों से किसान खेती कर रहे हैं। बताया जाता है कि ये जमीनें पुराने राजशाही काल में किसानों को दी गई थीं और वर्तमान में उनके नाम पर हैं। अब प्रशासन ने तय किया है कि इन भूमि धारकों को उचित मुआवजा देकर क्षेत्र को पर्यटन विभाग के अधीन लिया जाएगा, ताकि यहां के राजमहल (Raj Mahal), जहांगीर महल (Jahangir Mahal) और अन्य ऐतिहासिक संरचनाओं का समग्र विकास किया जा सके।

लाइट एंड साउंड शो और नए संग्रहालयों से बढ़ेगा आकर्षण

पर्यटन विभाग की योजनाओं के तहत, राजमहल परिसर में आधुनिक लाइट एंड साउंड शो की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। इसके लिए डालमिया ग्रुप को टेंडर दिया गया है और उनकी टीम पहले ही स्थल का निरीक्षण कर चुकी है। इसके साथ ही, तीन नए संग्रहालय (Museums) भी तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें ओरछा के इतिहास, स्थापत्य और संस्कृति को प्रदर्शित किया जाएगा। इन सभी योजनाओं का उद्देश्य पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाना और ओरछा को वर्ल्ड क्लास टूरिस्ट हब के रूप में स्थापित करना है।

गार्डन और पाथ-वे से सजेगा पूरा क्षेत्र

पर्यटन विभाग के अनुसार, 25 एकड़ से अधिक में फैले इस क्षेत्र में बड़े-बड़े गार्डन, वॉकिंग पाथवे और कनेक्टेड मार्ग बनाए जाएंगे, जिससे पर्यटक आसानी से एक स्मारक से दूसरे स्मारक तक जा सकेंगे। विभाग के उपयंत्री पीयूष दीक्षित ने बताया कि पूरे परिसर को एक सुरक्षित और एकीकृत हेरिटेज ज़ोन में तब्दील करने की योजना है। प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण की सूचना जारी कर दी है और इस पर तेजी से कार्रवाई की जा रही है।

ये ऐतिहासिक स्मारक होंगे संरक्षित

इस प्रस्तावित विकास क्षेत्र में लगभग 11 प्रमुख स्मारक और मंदिर शामिल हैं। इनमें —
• शिव मंदिर
• पंचमुखी महादेव मंदिर
• तीन छोटे शिव मंदिर
• राधिका बिहारी मंदिर
• वनवासी राम मंदिर
• वनवासी राम मंदिर की धर्मशाला
• सिद्ध बाबा की गुफा
• तीन दासियों का महल

शामिल हैं। इनमें से कई मंदिर वर्तमान में खेतों के बीच स्थित हैं, और कुछ जगहों पर स्थानीय लोगों ने अपना सामान भी रखा हुआ है। अब पर्यटन विभाग इन सभी प्राचीन धरोहरों का संरक्षण, मरम्मत और सौंदर्यीकरण करेगा, ताकि ये स्थल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन सकें।

पर्यटन को नई पहचान मिलेगी

ओरछा हमेशा से अपनी ऐतिहासिक भव्यता और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध रहा है। अब प्रशासनिक और पर्यटन विभाग की यह नई पहल इस नगरी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन नक्शे पर और भी ऊँचाई पर ले जाने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है। अगर सब कुछ तय योजना के अनुसार हुआ, तो आने वाले वर्षों में ओरछा, खजुराहो की तरह ही, विश्व के प्रमुख हेरिटेज डेस्टिनेशन में शामिल हो सकता है।