रतलाम मंडल के अंतर्गत नीमच से रतलाम तक 133 किमी लंबी रेल लाइन के दोहरीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। अब तक इस प्रोजेक्ट का 72 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है। रेलवे ने इसे दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन अधिकारियों का दावा है कि जिस रफ्तार से काम हो रहा है, उसे देखते हुए नवंबर 2025 तक ही काम समाप्त हो जाएगा। इस परियोजना के पूरा होने से यात्रियों को तेज रफ्तार और बेहतर रेल सेवाओं का लाभ मिलेगा।
1100 करोड़ की लागत से तैयार हो रही नई रेल लाइन
इस दोहरीकरण प्रोजेक्ट पर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से लगभग 1100 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। दलौदा-ढोढर के बीच करीब 20 किमी लंबे हिस्से पर नई दोहरी लाइन बिछाई जा चुकी है और यहां गति परीक्षण भी सफलतापूर्वक किया गया है। नीमच से दलौदा और दलौदा से रतलाम तक दो चरणों में इस काम को आगे बढ़ाया जा रहा है। कई सेक्शनों में ट्रैक का निर्माण पूरा कर लिया गया है और जहां काम शेष है वहां तेजी से कार्य चल रहा है।
यात्रियों को जल्द मिलेगा फायदा
दोहरीकरण का यह काम पूरा होते ही नीमच-रतलाम लाइन सीधे जयपुर-चंदेरिया के दोहरीकरण से जुड़ जाएगी, जो पहले ही तैयार हो चुका है। इससे न केवल यात्रियों को तेज गति से यात्रा करने की सुविधा मिलेगी, बल्कि इस क्षेत्र को बड़े शहरों से सीधा रेल संपर्क मिलेगा। भविष्य में यहां से गुजरने वाली कई नई और एक्सप्रेस ट्रेनों की संभावना बढ़ेगी। रेल ट्रैक की क्षमता दोगुनी हो जाने से मालगाड़ियों और यात्री ट्रेनों दोनों का संचालन और सुचारु हो जाएगा।
अंतिम चरण में तेजी से काम
अब तक की प्रगति के अनुसार, 133 किमी में से लगभग 95 किमी ट्रैक पर काम पूरा हो चुका है। दलौदा से मल्हारगढ़ और रतलाम से धौंसवास के बीच अभी भी निर्माण कार्य जारी है। जुलाई 2025 में रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने दलौदा-ढोढर सेक्शन का निरीक्षण किया था, जिसमें गति परीक्षण भी शामिल था। इस निरीक्षण को सफल माना गया और शेष ट्रैक पर भी उसी गति से काम किया जा रहा है।
यात्रियों और उद्योगों को होगा बड़ा लाभ
यह परियोजना न केवल यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाएगी, बल्कि मालगाड़ियों की आवाजाही में भी तेजी आएगी। तेज ट्रैक उपलब्ध होने से माल ढुलाई का समय घटेगा और औद्योगिक इकाइयों को फायदा होगा। नीमच और रतलाम जैसे जिलों के साथ-साथ आसपास के इलाकों के लोगों को बड़े शहरों से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। इससे रोजगार और आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आने की उम्मीद है।
परियोजना का बैकग्राउंड
इस दोहरीकरण योजना को केंद्र सरकार ने सितंबर 2021 में मंजूरी दी थी। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया और अन्य तैयारियों के बाद काम दो चरणों में शुरू हुआ। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि दिसंबर 2025 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है, लेकिन विभाग का प्रयास है कि नवंबर 2025 तक ही ट्रैक चालू हो जाए।
फैक्ट फाइल
• परियोजना: नीमच-रतलाम रेल लाइन दोहरीकरण
• लंबाई: 133 किमी
• मंडल: पश्चिम रेलवे, रतलाम मंडल
• लागत: लगभग 1100 करोड़ रुपए
• वर्तमान स्थिति: 72% से अधिक कार्य पूर्ण
• पूरा हुआ सेक्शन: दलौदा-ढोढर के बीच नई दोहरी लाइन तैयार
• निरीक्षण: 30 जुलाई को रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा स्पीड ट्रायल और निरीक्षण संपन्न