मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के 70वें स्थापना दिवस के अवसर पर “अभ्युदय मध्यप्रदेश” पहल के तहत तैयार विकसित मध्यप्रदेश @2047 दृष्टि पत्र का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने MP ई-सेवा पोर्टल, मोबाइल ऐप और “Wash on Wheels” ऐप का भी शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये अभिनव पहलें प्रदेश को डिजिटल सेवाओं के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगी, युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर बढ़ाएँगी और शहरी स्वच्छता में तकनीकी नवाचार को प्रोत्साहन देंगी।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि ओंकारेश्वर में प्रदेश की 27वीं वाइल्डलाइफ सेंचुरी स्थापित की जाएगी, जहाँ टाइगर, भालू और सोन कुत्ते जैसे दुर्लभ वन्यजीवों का संरक्षण किया जाएगा।
प्रदेश विकास का 25 वर्षीय रोडमैप तैयार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित “विकसित मध्यप्रदेश @2047” कार्यक्रम के दौरान कहा कि यह विज़न डॉक्यूमेंट आने वाले 25 वर्षों में प्रदेश के विकास की दिशा और गति निर्धारित करेगा। उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है कि हम ऐसा रोडमैप तैयार करें जो मध्यप्रदेश को न केवल आर्थिक रूप से समृद्ध, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी सशक्त और अग्रणी बनाए।
मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया कि मध्यप्रदेश ने 69 वर्ष पूर्ण कर 70वें वर्ष में प्रवेश किया है। वर्ष 1956 में मध्यभारत, मालवा-चंबल, सेंट्रल प्रोविंस-बरार, महाकौशल और विंध्य प्रदेश के विलय से वर्तमान मध्यप्रदेश का गठन हुआ था।
उन्होंने कहा कि “विजन-2047” डॉक्यूमेंट केवल वर्तमान कार्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अगले 25 वर्षों के विकास लक्ष्यों की स्पष्ट दिशा प्रदान करता है। डॉ. यादव ने जोर देकर कहा कि मध्यप्रदेश को आने वाले समय में देश के विकास का नेतृत्व करना है, और गर्व की बात है कि कुछ ही राज्य अपनी दीर्घकालिक रणनीति पर काम कर रहे हैं — जिनमें मध्यप्रदेश अग्रणी स्थान पर है।
धार्मिक पर्यटन को मिलेगी नई दिशा और रफ़्तार
मध्यप्रदेश के 70वें स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य को एक महत्वपूर्ण सौगात मिली है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में उज्जैन एयरपोर्ट से संबंधित एक प्रमुख समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिसके साथ उज्जैन को प्रदेश के नौवें वाणिज्यिक हवाई अड्डे का दर्जा प्राप्त हुआ। इस कदम से राज्य की हवाई परिवहन सुविधा और सुदृढ़ होगी तथा धार्मिक पर्यटन को नया आयाम मिलेगा। श्री महाकालेश्वर मंदिर और सिंहस्थ कुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अब सीधे उज्जैन पहुंचना सुगम होगा, जिससे इंदौर एयरपोर्ट पर निर्भरता कम हो जाएगी।









