राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने आज इंदौर के महात्मा गांधी स्मृति मेडिकल कॉलेज में राष्ट्रीय सिकलसेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के तहत आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने समाज के सभी नागरिकों से इस बीमारी के खिलाफ सहयोग करने और इसके उन्मूलन में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक सिकलसेल एनीमिया को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसे पूरा करने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग की भागीदारी आवश्यक है। राज्यपाल ने यह भी उल्लेख किया कि मध्यप्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बाद देश में सिकलसेल एनीमिया से सर्वाधिक प्रभावित मरीज मध्यप्रदेश में हैं। उन्होंने इस बीमारी की रोकथाम के लिए प्रभावित क्षेत्रों में जागरूकता और शिक्षा को महत्वपूर्ण बताया।

कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर और दुर्गादास उइके, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, विधायक राकेश शुक्ला, मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया, सिकलसेल मिशन की डिप्टी डायरेक्टर रूही खान, एमवाय हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. अशोक यादव और पूर्व डीन डॉ. शरद थोरा भी उपस्थित रहे।
42 साल पहले की घटना ने बताई एनीमिया की गंभीरता
सिकलसेल एनीमिया पर अपने उद्बोधन के दौरान राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने 42 साल पहले के एक मार्मिक अनुभव को साझा किया। उन्होंने बताया कि जब वे गुजरात में कॉरपोरेटर थे, तब पहली बार इस बीमारी की गंभीरता को करीब से देखा।
उन्होंने याद किया कि उनके पड़ोस में रहने वाला एक बच्चा सिकलसेल एनीमिया से ग्रसित था, जिसे इलाज के लिए बंबई में डॉ. ढोलकिया के पास ले जाया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। इसी तरह, उन्होंने एक और हृदयविदारक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उनके पड़ोस की एक छोटी बच्ची, जो अक्सर उनकी गोद में खेलती थी, महज चार दिनों में इस बीमारी के कारण दुनिया छोड़ गई।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने साझा किया कि जब वे मंत्री थे और नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उनकी सरकार के मंथन शिविर में सिकलसेल एनीमिया का मुद्दा उठाया गया था, और तभी से वे इस अभियान से जुड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा कि जैसे भगवान राम के लंका जाने के दौरान रामसेतु के निर्माण में गिलहरी ने भी अपना योगदान दिया था, वैसे ही समाज के प्रत्येक व्यक्ति को सिकलसेल एनीमिया उन्मूलन के प्रयासों में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। इस अवसर पर राज्यपाल ने उपस्थित सभी लोगों को इस मिशन में सक्रिय भागीदारी की शपथ भी दिलाई।
इसके अलावा, सांसद शंकर लालवानी ने एमवाय हॉस्पिटल की ब्लड बैंक टीम के लिए अपनी सांसद निधि से एक वाहन प्रदान करने की घोषणा की।
रोग जागरूकता और जेनेटिक काउंसलिंग पर जोर
पटेल ने कहा कि यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि अपने परिवार, आसपास और समुदाय में सिकलसेल रोग के उन्मूलन के लिए जागरूकता फैलाएं। इसके लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को जेनेटिक काउंसलिंग में सहयोग देना आवश्यक है और सिकलसेल उन्मूलन के प्रयासों में सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए।
उन्होंने जोर देकर कहा कि विवाह से पहले जेनेटिक कार्ड का मिलान किया जाना चाहिए और प्रत्येक गर्भवती महिला तथा नवजात शिशु की स्वास्थ्य जांच के प्रति समाज में जागरूकता होनी चाहिए। साथ ही, समाज के समृद्ध वर्ग को रोग के उपचार और अनुसंधान कार्यों में योगदान देना चाहिए। ज़रूरतमंद मरीजों को न केवल चिकित्सा सहायता बल्कि सामाजिक और भावनात्मक समर्थन भी मिलना चाहिए।
पटेल ने सभी से आग्रह किया कि वे संकल्प लें कि सिकलसेल रोग के पूर्ण उन्मूलन के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और ऐसा भारत बनाएंगे, जहां प्रत्येक बच्चा दर्द और पीड़ा से मुक्त होकर स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने का हकदार हो।
कार्यक्रम की शुरुआत में डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने स्वागत भाषण दिया। अधीक्षक डॉ. अशोक यादव ने जानकारी दी कि एमवाय हॉस्पिटल का ब्लड बैंक सिकलसेल एनीमिया से पीड़ित मरीजों को जीवन रक्षक सहायता प्रदान कर रहा है।
मिशन की डिप्टी डायरेक्टर रूही खान ने कहा कि राज्यपाल मंगुभाई पटेल की संवेदनशीलता के चलते यह मिशन मध्य प्रदेश में सफल साबित हुआ है। उन्होंने उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1 जुलाई 2023 को इस मिशन की शुरुआत की गई थी।
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने अपने संबोधन में कहा कि मालवा के जनजातीय क्षेत्रों में सिकलसेल एनीमिया के रोगियों को एमवाय हॉस्पिटल से महत्वपूर्ण सहायता मिल रही है। उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दूरदर्शिता के तहत सरकार इस अस्पताल को अपग्रेड करने जा रही है और इसके लिए 750 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने की उम्मीद
केंद्रीय राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा कि सिकलसेल रोग के उन्मूलन के लिए व्यापक जागरूकता और शिक्षा आवश्यक है। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित वर्ष 2047 तक इस लक्ष्य को अवश्य प्राप्त किया जाएगा।
केंद्रीय राज्यमंत्री दुर्गादास उइके ने राज्यपाल मंगुभाई पटेल की सराहना करते हुए उन्हें समाज के प्रति समर्पित और संवेदनशील नेतृत्वकर्ता बताया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल केवल राजभवन तक सीमित नहीं रहे, बल्कि मध्य प्रदेश के हर जिले में जाकर सिकलसेल एनीमिया को लेकर जनचेतना बढ़ाने का सराहनीय कार्य किया है।
राज्यपाल की उपस्थिति से बढ़ा पुलिस प्रतियोगिता का उत्साह
सीमा सुरक्षा बल (CSWT) के केंद्रीय आयुद्ध एवं युद्ध कौशल विद्यालय में 24 से 29 मार्च 2025 तक 18वीं अखिल भारतीय पुलिस निशानेबाजी खेल प्रतियोगिता -2024 का सफल आयोजन किया गया। इंदौर के रेवती रेंज में आयोजित समापन समारोह में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई सी. पटेल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने उज्जैन रोड स्थित CSWT के रेवती रेंज में आयोजित समारोह में भाग लेने के बाद प्रतियोगिता के आधिकारिक समापन की घोषणा की।
लैब निरीक्षण के दौरान राज्यपाल ने समझी नई तकनीकें
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने एमवाय हॉस्पिटल में सेंटर ऑफ कंपिटेंसी और ब्लड सेंटर का उद्घाटन कर निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने एचबी इलेक्ट्रोफोरेसिस, नेट टेस्टिंग, ब्लड रेडिएटर जैसी मशीनों की कार्यप्रणाली को समझा और रेड सेल एक्सचेंज एवं कोरियोनिक विला सैंपलिंग पर विस्तृत चर्चा की।
राज्यपाल पटेल ने अस्पताल में स्थापित केंद्र द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया। इसके साथ ही उन्होंने मॉलेक्युलर लैब का भी दौरा किया। अधीक्षक डॉ. अशोक यादव ने उन्हें विस्तार से जानकारी दी और बताया कि अब सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित मरीजों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले रक्त की कोई कमी नहीं होगी। इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री दुर्गादास उइके ने और अधिक उपकरण उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर जोर दिया।