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MP ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में ODOP एक्सपो को मिलेगा विश्वस्तरीय मंच; कारीगरों को मिलेगा आत्मनिर्भर बनने का अवसर

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By Srashti BisenPublished On: February 17, 2025
MP Global Investors Summit

MP Global Investors Summit 2025 Update : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में इन दिनों ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (GIS) की तैयारियों में तेजी से काम चल रहा है। मुख्यमंत्री मोहन यादव खुद इस समिट की तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं। उनका कहना है कि GIS के आयोजन से राज्य के हर जिले को लाभ होगा और विभिन्न क्षेत्रों के उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। हाल ही में मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इस समिट के दौरान एक जिला-एक उत्पाद (ODOP) एक्सपो का आयोजन किया जाएगा, जिसमें राज्य के लोकल उत्पादों को वैश्विक मंच मिलेगा।

लोकल उत्पाद को मिलेगा वैश्विक पहचान

सीएम मोहन यादव ने कहा कि ODOP योजना राज्य के कारीगरों और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी। ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में आयोजित होने वाला यह एक्सपो राज्य के लोकल उत्पादों को एक वैश्विक पहचान दिलाएगा। इससे मध्य प्रदेश के उद्योग, हस्तशिल्प, और कृषि उत्पादों को नई पहचान मिलेगी और कारीगरों को न सिर्फ अपने कौशल को प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा, बल्कि उन्हें नए व्यापारिक अवसर भी प्राप्त होंगे।

ODOP प्रोडक्ट के लिए विशेष स्टॉल्स

MP ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में ODOP एक्सपो को मिलेगा विश्वस्तरीय मंच; कारीगरों को मिलेगा आत्मनिर्भर बनने का अवसर

सीएम ने जानकारी दी कि भोपाल में होने वाली 2 दिवसीय ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में 38 ODOP उत्पादों के लिए विशेष स्टॉल लगाए जाएंगे। इन स्टॉल्स को लाइव काउंटर और प्रोसेस काउंटर में बांटा जाएगा, जहां 32 खाद्य, मसाले और फल उत्पादों की निर्माण प्रक्रिया को लाइव दिखाया जाएगा। इस दौरान भारत के अन्य राज्यों और विदेशों से आने वाले प्रतिनिधि इन उत्पादों को देख सकते हैं, समझ सकते हैं और खरीद भी सकते हैं। इसके अलावा, इस एक्सपो के जरिए कारीगरों को व्यापारिक अवसर मिलने की उम्मीद है और विजिटर्स का डेटा इकट्ठा कर बी-टू-बी और बी-टू-सी नेटवर्किंग के जरिए कारीगरों को बाजार से जोड़ा जाएगा।

MP लॉजिस्टिक्स पॉलिसी-2025

सीएम मोहन यादव ने राज्य की अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए MP लॉजिस्टिक्स पॉलिसी-2025 की घोषणा की। इस पॉलिसी का उद्देश्य प्रदेश के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में सुधार करना है, ताकि आपूर्ति दक्षता बढ़ सके और लॉजिस्टिक्स लागत में कमी लाई जा सके। इस पॉलिसी से लॉजिस्टिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा, जिससे 2030 तक लॉजिस्टिक्स लागत को वैश्विक मानकों के अनुरूप कम किया जा सकेगा। यह पॉलिसी प्रदेश के समग्र आर्थिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।