MP Kuno National Park : मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले स्थित कूनो नेशनल पार्क में चीतों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। इस समय पार्क में 26 चीते निवास कर रहे हैं, जिनमें से कुछ को अब खुले जंगल में आज़ादी से घूमने का अवसर दिया जा रहा है। कूनो में चीते लाने का यह प्रोजेक्ट देश के वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कदम है, और इसकी सफलता को देखकर अब इसकी संख्या और बढ़ाई जा रही है।
कूनो नेशनल पार्क के अबू खजूरी पर्यटन जोन में, कूनो नेशनल पार्क को एक नया मोड़ मिलने जा रहा है, जहां 5 चीते, जिनमें एक मादा चीता गामिनी और उनके दो नर और दो मादा शावक शामिल हैं, को अब खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। ये सभी चीते दक्षिण अफ्रीका से लाए गए थे और अब यह अपनी प्राकृतिक आवास में पूरी तरह से आज़ादी से रह सकेंगे। इसके बाद इन चीतों की संख्या 17 हो जाएगी, जो पर्यटकों के लिए एक नई और रोमांचक सफारी अनुभव का अवसर प्रदान करेगा।

पर्यटकों को मिलेगा प्राकृतिक आवास में चीतों का दीदार
कूनो नेशनल पार्क में चीतों के खुले जंगल में छोड़े जाने से, अब पर्यटकों को इन अद्भुत जानवरों का उनके प्राकृतिक आवास में देखने का अद्भुत अनुभव मिलेगा। यह न केवल वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक शानदार अवसर है, बल्कि सफारी के दौरान चीते को देखने की संभावना भी बढ़ जाएगी। इससे कूनो पार्क में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो सकती है, क्योंकि यह एक नई और रोमांचक विशेषता है, जो पार्क के आकर्षण को और बढ़ा सकती है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ट्वीट कर जताई खुशी
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस अवसर पर ट्वीट कर खुशी जताई और इस कदम को पर्यटन और वन्यजीव संरक्षण के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने ट्वीट में लिखा, “कूनो में बढ़ेगा चीतों का कुनबा! कूनो नेशनल पार्क के खजूरी पर्यटन जोन में दक्षिण अफ्रीका से आई मादा चीता गामिनी अपने दो नर और दो मादा शावकों के साथ खुले जंगल में छोड़ी जाएगी। सफारी के दौरान पर्यटकों को चीतों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का अवसर मिलेगा, जिससे निश्चित ही पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी। मध्य प्रदेश सरकार वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन को नई ऊँचाइयों तक ले जाने हेतु संकल्पित है।”
कूनो में बढ़ेगा चीतों का कुनबा !
कूनो नेशनल पार्क के खजूरी पर्यटन जोन में दक्षिण अफ्रीका से आई मादा चीता गामिनी अपने दो नर और दो मादा शावकों के साथ कल खुले जंगल में छोड़ी जाएगी। सफारी के दौरान पर्यटकों को चीतों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का अवसर मिलेगा जिससे निश्चित ही…
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) March 16, 2025