मध्य प्रदेश शीघ्र ही उन चुनिंदा 12 राज्यों की श्रेणी में शामिल होने जा रहा है, जहां एक से अधिक शहरों में मेट्रो सेवाएं संचालित हैं। इंदौर के बाद अब प्रदेश की राजधानी भोपाल भी मेट्रो युग में प्रवेश करने जा रही है। राज्य सरकार के अनुसार, भोपाल में मेट्रो का संचालन 21 दिसंबर से प्रारंभ होगा। इसके शुरू होने से राजधानी की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार आएगा। यह सुविधा भोपाल के नागरिकों के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य बढ़ती जनसंख्या और यातायात दबाव को कम कर आवागमन को सुगम बनाना है।
प्रदुषण मुक्त होगा सफर
मेट्रो सेवा के आरंभ होने से प्रतिदिन बड़ी संख्या में यात्रियों को तेज, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल आवागमन का विकल्प उपलब्ध होगा। फिलहाल यात्रियों की संख्या सीमित रहने की संभावना है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार होगा, इसका उपयोग भी लगातार बढ़ेगा। इससे शहर के प्रमुख क्षेत्रों के बीच संपर्क मजबूत होगा, साथ ही समय और ईंधन की भी बचत सुनिश्चित होगी।
राज्य सरकार के अनुसार, मेट्रो परियोजना न केवल परिवहन व्यवस्था को आधुनिक स्वरूप देगी, बल्कि भोपाल को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अलावा, मेट्रो कॉरिडोर से जुड़े इलाकों में आर्थिक गतिविधियों के विस्तार की भी संभावना जताई जा रही है। इंदौर में मेट्रो संचालन शुरू होने के बाद जिस तरह नागरिकों में आधुनिक सार्वजनिक परिवहन को लेकर उत्साह देखने को मिला है, वैसी ही सकारात्मक प्रतिक्रिया भोपाल में भी मिलने की उम्मीद है।
इंदौर से हुई मेट्रो सेवा की शुरुआत
मध्य प्रदेश में मेट्रो सेवा की शुरुआत सबसे पहले इंदौर में 31 मई 2025 को हुई थी। वर्तमान में यहां गांधीनगर से सुपर कॉरिडोर स्टेशन-3 तक लगभग छह किलोमीटर लंबे ‘सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर’ पर वाणिज्यिक संचालन किया जा रहा है। यह हिस्सा इंदौर मेट्रो के कुल 31.32 किलोमीटर के प्रथम चरण में शामिल है, जिसका चरणबद्ध विस्तार किया जा रहा है। वहीं, राजधानी भोपाल में मेट्रो का वाणिज्यिक संचालन 21 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है। भोपाल में एम्स से सुभाष नगर तक करीब साढ़े सात किलोमीटर लंबे प्रायोरिटी कॉरिडोर पर मेट्रो सेवाएं उपलब्ध होंगी, जो पहले चरण के प्रस्तावित 30 किलोमीटर नेटवर्क का हिस्सा है। राज्य सरकार ने इंदौर और भोपाल में कुल 60 किलोमीटर मेट्रो निर्माण कार्य को दिसंबर 2028 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
अत्याधुनिक तकनीक से लैस होगी मेट्रो
अधिकारियों का कहना है कि मेट्रो ट्रेनों को आधुनिक तकनीक और उन्नत सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए ऑटोमैटिक डोर सिस्टम, सीसीटीवी सर्विलांस और पैसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम जैसी व्यवस्थाएं की गई हैं। पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए ऊर्जा-सक्षम तकनीक का उपयोग किया गया है। इसके साथ ही, आने वाले समय में मेट्रो परियोजना के शेष चरणों पर कार्य में तेजी लाई जाएगी, ताकि पूरे शहर को एक सशक्त और व्यापक नेटवर्क से जोड़ा जा सके।









