शहरी विकास और बुनियादी सुविधाओं पर सरकार का फोकस, दो वर्षों में मिले छह लाख जॉब, जानें मोहन सरकार का पूरा रोडमैप

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By Abhishek SinghPublished On: December 13, 2025

मोहन सरकार ने अपने दो वर्ष पूरे कर लिए हैं और अब शेष तीन वर्षों के लिए विस्तृत विकास रोडमैप तैयार कर लिया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि आने वाले वर्षों में उसका मुख्य ध्यान रोजगार, शहरी विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर और बुनियादी सुविधाओं के विस्तार पर रहेगा। ये क्षेत्र राज्य के समग्र विकास में निर्णायक भूमिका निभाने वाले माने जा रहे हैं।

38 शहरों के लिए जीआईएस आधारित मास्टर प्लान

टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग प्रदेश के 38 शहरों के लिए जीआईएस तकनीक पर आधारित मास्टर प्लान तैयार करेगा। इसके साथ ही महानगर क्षेत्र अधिनियम को लागू किया जाएगा। टीडीआर पोर्टल के विस्तार के साथ टीओडी नीति को प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा और सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए एकीकृत मास्टर प्लान के आधार पर विकास कार्य किए जाएंगे। डीपीडीपी अधिनियम के अनुरूप विभागीय पोर्टल को आधुनिक स्वरूप दिया जाएगा। योजना के तहत नक्शाविहीन गांवों का डिजिटल रूपांतरण, भू-अर्जन प्रक्रियाओं को पूर्णतः ऑनलाइन करना तथा नई आबादी के लिए भूमि का चिन्हांकन शामिल है। इसके अलावा विश्वास-आधारित डायवर्ज़न प्रणाली को भी लागू किया जाएगा।

सरकारी और निजी क्षेत्र में रोजगार सृजन पर जोर

राज्य सरकार के समक्ष सबसे अहम चुनौती सरकारी और निजी, दोनों क्षेत्रों में नए रोजगार अवसर पैदा करने की है। इसी उद्देश्य से सरकार ने अगले तीन वर्षों में 20 लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। विभागों में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है और कई विभागों द्वारा भर्ती से संबंधित विज्ञापन जारी किए जा चुके हैं। सरकार का कहना है कि बीते दो वर्षों में करीब 6 लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं। इसके साथ ही स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने पर भी जोर दिया जाएगा और विभिन्न योजनाओं के तहत 30 हजार नए उद्यमियों को लाभ पहुंचाने की योजना बनाई गई है।

आदिवासी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विस्तार

प्रत्येक जनजातीय विकासखंड में सांदीपनि स्कूल, एकलव्य विद्यालय, माता शबरी कन्या शिक्षा परिसर और बालक आदर्श आवासीय विद्यालय स्थापित करने की योजना बनाई गई है, जिससे आदिवासी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुंच और विस्तार सुनिश्चित किया जा सकेगा।