Mayor’s Council Meeting : ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ मेयर्स की मध्यप्रदेश इकाई द्वारा प्रदेश के नगर निगम महापौरों का सम्मेलन ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर इंदौर में आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल से वर्चुअल रूप से भाग लिया और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने आगामी परिसीमन के असर के बारे में बताया, जिससे नगरीय निकायों में बदलाव आएगा। साथ ही, लोकसभा और विधानसभा सीटों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है, जिससे नगर निगमों को घर-घर तक पहुंचने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार के कार्यों को जनता तक पहुंचाने के लिए नगरीय निकायों को हरसंभव प्रयास करना चाहिए। दिसंबर महीने में 40 दिन तक योजनाओं को हितग्राहियों तक पहुंचाने का काम किया गया था, जिसके आधार पर 93% सफलता प्राप्त की गई है। उन्होंने नगर निगमों को आत्मनिर्भर बनाने की बात की और इंदौर नगर निगम के सोलर ऊर्जा से पेयजल व्यवस्था को सराहा, जो एक आदर्श है। इसके अलावा, नगर निगमों को अपने आय स्रोतों को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
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विजयवर्गीय ने टैक्स बढ़ाने का रखा प्रस्ताव

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जो जयपुर से वर्चुअली जुड़े थे, ने सिटी गवर्नमेंट बनाने की इच्छा जाहिर की और कहा कि सरकार को इसमें संकोच नहीं करना चाहिए। उनका मानना था कि नगर निगमों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना और अपने अधिकारों का उपयोग करना जरूरी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि इंदौर ने दो बार टैक्स बढ़ाकर आर्थिक स्थिति को मजबूत किया और आज इंदौर का बजट सबसे बड़ा है। साथ ही, उन्होंने नगर निगमों से लीकेज को रोकने और पारदर्शिता को बढ़ाने का आह्वान किया।
रीवा के महापौर ने किया मंत्री विजयवर्गीय का विरोध
रीवा के महापौर अजय मिश्रा ने मंत्री विजयवर्गीय के बयान का विरोध करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी नगरीय निकायों की जांच होनी चाहिए, क्योंकि अधिकांश जगह भाजपा की ही स्थानीय सरकार है और भ्रष्टाचार हो सकता है। सिंगरौली की आम आदमी पार्टी की महापौर रानी अग्रवाल ने भी जांच की बात की और कहा कि भाजपा और गैर-भाजपा सभी नगर निगमों की जांच होनी चाहिए।
भारतीय महापौर परिषद की अध्यक्ष माधुरी पटेल ने भी इस बात को माना कि अगर नगर निगम जनता को सही तरीके से विकास के कार्य देकर दिखाएंगे तो लोग कठोर निर्णयों के लिए भी उनका समर्थन करेंगे।
इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इस सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इंदौर ने न केवल स्वच्छता में बल्कि जनभागीदारी से विकास करने में भी देशभर में मिसाल पेश की है। उन्होंने महापौरों को इंदौर में किए जा रहे स्वच्छता के कार्यों के बारे में बताया। सम्मेलन से पहले, सभी महापौरों ने सुबह 7 बजे इंदौर में योग-प्राणायाम के साथ दिन की शुरुआत की, जो एक स्वास्थ्य अभियान का हिस्सा था।
कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर हुई चर्चा
सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें महापौरों के वित्तीय अधिकार बढ़ाने, कर्मचारियों के आंतरिक ट्रांसफर के अधिकार पर विचार किया गया। वर्तमान में महापौर केवल नीति निर्माण कर सकते हैं, जबकि कार्यान्वयन निगम कमिश्नर के अधीन होता है। इस सम्मेलन में एक प्रस्ताव तैयार किया जाएगा जिसे सरकार को सौंपा जाएगा।
इस कार्यक्रम में कई प्रमुख महापौर और मंत्री उपस्थित थे, जिनमें भोपाल की महापौर मालती राज, देवास की गीता अग्रवाल, छिंदवाड़ा के विक्रमसिंह अहाके, जबलपुर के जगत बहादुर, कटनी की प्रीति सूरी, ग्वालियर की शोभा सिकरवार, रतलाम के प्रहलाद पटेल, रीवा के अजय मिश्रा, सागर की संगीता तिवारी, उज्जैन के मुकेश टटवाल, और सिंगरौली की रानी अग्रवाल शामिल थे।