पदोन्नति की खुली राह, मध्यप्रदेश में नए नियम जल्द होंगे लागू, 10 दिन में शुरू होगी प्रक्रिया

मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही लोक सेवा पदोन्नति नियम 2025 को अधिसूचित करने जा रही है, जिससे आरक्षण से जुड़ी पदोन्नति व्यवस्था लागू हो सकेगी। इसके तहत सभी विभागों में डीपीसी प्रक्रिया शुरू की जाएगी और पहली बैठक अगले दस दिनों में संभावित है।

Abhishek Singh
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मध्य प्रदेश में लंबे समय से लंबित पदोन्नति में आरक्षण से संबंधित व्यवस्था अब लागू होने की दिशा में है। राज्य सरकार लोक सेवा पदोन्नति नियम 2025 को जल्द ही अधिसूचित करने वाली है, जिसकी घोषणा अगले एक-दो दिनों में की जा सकती है। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) सभी विभागों में विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की प्रक्रिया आरंभ करेगा। विभाग के सूत्रों के अनुसार, पहली डीपीसी बैठक आगामी दस दिनों के भीतर आयोजित की जाने की संभावना है। यह प्रक्रिया वर्ष 2025 की पदोन्नतियों के लिए होगी, जबकि वर्ष 2026 के पदों हेतु डीपीसी का आयोजन सितंबर माह में प्रस्तावित है।

सभी विभागीय कर्मियों के लिए प्रशिक्षण सत्र अनिवार्य

जीएडी अधिकारियों के अनुसार, सबसे पहले सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) स्वयं अपनी डीपीसी प्रक्रिया पूरी करेगा। इसके पश्चात अन्य विभागों के अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस प्रशिक्षण में निम्नलिखित पहलुओं पर जानकारी दी जाएगी — पदों की गणना की प्रक्रिया, नए नियमों के प्रावधानों की व्याख्या, वर्गवार आरक्षण व्यवस्था का पालन, साथ ही मेरिट एवं वरिष्ठता से संबंधित नियमों की विस्तृत जानकारी।

अनारक्षित श्रेणी हेतु चयन की दिशा-निर्देश तय

हर पद के लिए दो गुना + 4 अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। उदाहरणस्वरूप, यदि किसी विभाग में 10 पद रिक्त हैं, तो कुल 24 अभ्यर्थियों को प्रक्रिया में भाग लेने के लिए बुलाया जाएगा। पद पूर्ति की प्राथमिकता क्रमशः अनुसूचित जनजाति (अजजा), अनुसूचित जाति (अजा) और अंत में अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को दी जाएगी। सूत्रों के अनुसार, पदोन्नति नियमों को अंतिम रूप देने से पूर्व 27 मसौदे तैयार किए गए थे। अंततः मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से विमर्श के बाद कैबिनेट द्वारा स्वीकृत नियम को अधिसूचित किया जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) का दावा है कि नया नियम सभी वर्गों को समान अवसर प्रदान करने की दिशा में एक संतुलित और न्यायसंगत कदम है।

पदोन्नति पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर अनिवार्य

नई डीपीसी प्रक्रिया को सशर्त रूप से लागू माना जाएगा, क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन मामलों के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगी। सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के अनुसार, पदावनति (रिवर्ट) से जुड़े मामलों में सरकार न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष मजबूती से रखेगी और एहतियातन कैविएट भी दाखिल की जाएगी, ताकि भविष्य में कोई भी निर्णय सरकार का पक्ष सुने बिना न लिया जाए।