इंदौर में ‘रंगपंचमी’ पर टूटेगी सालों पुरानी परंपरा, नहीं निकलेगी ‘टोरी कॉर्नर’ की गेर, जानें वजह

Shivani Rathore
Published:
इंदौर में 'रंगपंचमी' पर टूटेगी सालों पुरानी परंपरा, नहीं निकलेगी 'टोरी कॉर्नर' की गेर, जानें वजह

Rangpanchami Gair In Indore : इंदौर रंगपंचमी गेर को लेकर इस वकत की एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है. बता दे कि इस साल वर्षों से चली आ रही परंपरा इंदौर में टूटने जा रही है. दरअसल, इस बार की रंगपंचमी गेर में टोरी कॉर्नर की गेर शामिल नहीं होगी. इससे सालों से चली आ रही परंपरा टूट जायेगी. इसके पीछे की वजह जान आप चौंक जायेंगे.

मिली जानकारी के मुताबिक टोरी कॉर्नर गेर के संस्थापक शेखर गिरी के बड़े भाई सतीश गिरी का आज 29 मार्च को निधन हो गया है, जिसके चलते टोरी कॉर्नर गेर को इंदौर की रंगपंचमी गेर में शामिल नहीं किया जाएगा. इस खबर की जानकारी मिलते ही गेर सदस्यों में शोक की लहर दौड़ पड़ी है.

जानें वजह

गौरतलब है कि टोरी कार्नर गैर के संयोजक शेखर गिरी के बड़े भाई सतीश गिरी (73) पिता स्व छोटेलाल गिरी का शुक्रवार की सुबह निधन हो गया। वे कुछ समय से बीमार थे। उनकी शवयात्रा अपराह्न 4 बजे निवास 15/2 तंबोली बाखल मल्हारगंज से निकाली जाएगी और अंतिम संस्कार पंचकुइया मुक्तिधाम पर होगा।

परिवार में शोक के कारण (शनिवार ) रंगपंचमी पर टोरी कार्नर से निकलने वाली गैर इस बार नहीं निकलेगी।गौरतलब है कि कोरोना काल के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब शोक के कारण 75वें वर्ष में गैर निरस्त करना पड़ रही है।इंदौर की गैर वाले रंग महोत्सव को यूनेस्को धरोहर में शामिल करने के लिए बीते तीन साल से जो पहल चल रही है उसमें टोरी कार्नर वाली इस गैर का खास महत्व इसलिए भी है कि होल्कर रियासत के बाद रंगपंचमी पर गैर की शुरुआत पूर्व पार्षद बाबूलाल गिरी और उनकी मित्रमंडली ने ही थी।