समलैंगिक विवाह पर विश्व हिंदू परिषद ने संयुक्त कलेक्टर को दिया राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन

Author Picture
By Mukti GuptaPublished On: April 28, 2023

इंदौर. समलैंगिक विवाह का विषय इस समय देश में चर्चा में है सर्वोच्च न्यायालय में भी इस पर सुनवाई चल रही है केन्द्र सरकार ने इसके विरुद्ध अपना अभिमत सर्वोच्च न्यायालय में दिया है यह विषय भारतीय समाज और परिवार व्यवस्था को छिन्न भिन्न करने वाला है। यह बात विश्व हिंदू परिषद ने इंदौर सयुक्त कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन में कही।

समलैंगिक विवाह पर विश्व हिंदू परिषद ने संयुक्त कलेक्टर को दिया राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन

ज्ञापन में बताया गया कि भारत देश आज सामाजिक आर्थिक क्षेत्रों की अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है तब समलैंगिक विवाह विषय को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुनने एवं निर्णय करने की कोई गंभीर आवश्यकता नहीं है देश के नागरिकों की बुनियादी समस्या जैसे गरीबी उन्मूलन , निशुल्क शिक्षा का क्रियान्वयन , प्रदूषण मुक्त पर्यावरण का अधिकार ,जनसंख्या नियंत्रण की समस्या देश की पूरी आबादी को प्रभावित कर रही है उक्त गंभीर समस्याओं के संबंध में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ना तो तत्परता दिखाई गई ना ही कोई सक्रियता दिखाई गई।

Also Read : बॉलीवुड क्वीन कंगना इन शब्दों पर आग बबूला हुई, बोलीं – ‘यह सिर्फ आपके बिस्तर पर……’

भारत विभिन्न धर्म जातियों को उपजातियों का देश है इसमें शताब्दियों से केवल पुरुष व महिला के मध्य को विवाह की मान्यता दी गई है। हम सर्वोच्च न्यायालय से मांग करते है कि समलैंगिक व्यक्तियों को विवाह की मान्यता ना दे। ज्ञापन देने में मुख्य रूप से राजेश बिंजवे, अभिषेक उदेनिया, गन्नी चौकसे, संजय चौहान, अमित जैन, तन्नू शर्मा ,रवि चौकसे, पप्पू कोचले, अभिनाश कौशल ,राहुल दिछित, मातृशक्ति ,दुर्गा वाहिनी, बजरंग दल, संत समाज समाज प्रमुख आदि उपस्थित रहे।