लोग सिगरेट को स्ट्रेस दूर करने वाली चीज समझकर पीते हैं, जो कि बिल्कुल गलत है, जो चीज हार्मफूल होती है उसके दुष्परिणाम ही सामने आते है – Dr. Suraj Verma (CHL Hospital)

इंदौर। जो सिगरेट हम पीते हैं उसमें चार हजार से ज्यादा केमिकल होते हैं, वही 60 ऐसे केमिकल होते हैं जो कैंसर का कारण बनते हैं जिसमें मुंह का कैंसर, लीवर का कैंसर, पैंक्रियास कैंसर और अन्य प्रकार के कैंसर देखने को सामने आते हैं वही पेट और दिल से संबंधित अन्य बीमारियां भी स्मोकिंग की वजह से सामने आती है। आजकल यह भी देखने को सामने आता है कि महिलाएं भी स्मोकिंग करती इस वजह से उनमें दुष्परिणाम के रूप में इनफर्टिलिटी से संबंधित समस्या देखने को सामने आती है।

लोग सिगरेट को स्ट्रेस दूर करने वाली चीज समझकर पीते हैं, जो कि बिल्कुल गलत है, जो चीज हार्मफूल होती है उसके दुष्परिणाम ही सामने आते है - Dr. Suraj Verma (CHL Hospital)

आमतौर पर हम देखते हैं कि सिगरेट की लत स्कूल कॉलेज के टाइम में दोस्तों के झुंड में पड़ती है जो धीरे-धीरे एक आदत का रूप ले लेती है और यह आगे चलकर इस तरह की बीमारियों को बढ़ावा दे। यह बात वर्ल्ड नो टोबैको डे के अवसर पर डॉ. सूरज वर्मा ने एक्रोपोलिस इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी ऐंड रिसर्च में आयोजित एक सेमिनार में कही जिसमें कॉलेज के प्रोफेसर, स्टाफ और 200 से ज्यादा बच्चों ने पार्टिसिपेट कर तंबाकू से होने वाले दुष्परिणाम के बारे में जाना। उन्होंने बताया कि कई बार लोग सिगरेट को स्ट्रेस कम करने वाली चीज समझ कर भी सेवन करते हैं जो कि बिल्कुल गलत है।

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लोग सिगरेट को स्ट्रेस दूर करने वाली चीज समझकर पीते हैं, जो कि बिल्कुल गलत है, जो चीज हार्मफूल होती है उसके दुष्परिणाम ही सामने आते है - Dr. Suraj Verma (CHL Hospital)

लोग सिगरेट को स्ट्रेस दूर करने वाली चीज समझकर पीते हैं, जो कि बिल्कुल गलत है, जो चीज हार्मफूल होती है उसके दुष्परिणाम ही सामने आते है - Dr. Suraj Verma (CHL Hospital)

जो चीज हार्मफुल होती है वह कभी भी फायदेमंद नहीं हो सकती उसके हमेशा दुष्परिणाम ही सामने आते हैं। आज हमारे युवा इस नशे की लत में काफी ज्यादा मात्रा में है। हमें उनकी काउंसलिंग कर इस चीज से बाहर निकालना होगा वही खुद के लिए भी विल पावर डेवेलप करनी होगी ताकि हम भी इस तरह की समस्या से दूर रहे। आमतौर पर देखने में आता है कि कई बार जब इस लत को छोड़ते हैं तो शरीर में कई बदलाव देखने को मिलते हैं जिसमें नींद नहीं आना, बेचैनी होना जैसी समस्या सामने आती है ऐसा होने पर हमें हमारे फैमिली मेंबर, टीचर और दोस्तों से बात कर करना चाहिए।

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वेस्टर्न कंट्री में डी एडिक्शन ग्रुप होते हैं जो इस प्रकार की लत से छुटकारा दिलाने के लिए ग्रुप डिस्कशन करते हैं हमें भी अपने दोस्तों के साथ इस प्रकार के ग्रुप बनाना चाहिए और इस पर कार्य करना चाहिए। इसी के साथ इस प्रकार की लत छोड़ने के लिए मार्केट में दवाइयां और मेडिसिन भी अवेलेबल है अपने डॉक्टर के मार्गदर्शन में इसका सेवन करने से भी काफी आराम मिलता है। इसी के साथ आयोजन में एक्रोपोलिस इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर आनंद सोजतिया ने कहा कि आजकल हम कई जगह पढ़ने और देखने में आता है कि हमारे युवा नशे की लत के शिकार हो रहे हैं हमें इस दिशा में काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने स्टूडेंट्स को स्मोकिंग और इससे होने वाली बीमारियों और इसके दुष्परिणाम के बारे में भी जानकारी दी।