इंदौर। आईआईएम इंदौर के चार दिवसीय अन्वेषण कार्यक्रम के दौरान पहले बैच में नगर आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित 26 अधिकारी शामिल हुए। ये अधिकारी 14 विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनमें गुजरात, सिक्किम, आंध्र प्रदेश, मणिपुर, उत्तर प्रदेश, केरल, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, हरियाणा, असम, अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली और त्रिपुरा शामिल हैं। अन्वेषण की शुरुआत समुदायों और क्षेत्रों में अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छता प्रथाओं को आगे बढ़ाने के प्रति इन अधिकारियों समर्पण को दर्शाता है।अधिकारियों को आईआईएम इंदौर के फैकल्टी, फॉरेन पार्टनर यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों, जीआईजेड इंडिया के विशेषज्ञों और साथ ही अन्य नगर निगमों के अधिकारियों के साथ बातचीत करने का अवसर मिलेगा। कार्यक्रम में अपशिष्ट से धन परिवर्तन में व्यावहारिक अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्रों का दौरा भी शामिल होगा।
![आईआईएम के अन्वेषण कार्यक्रम 14 राज्यों के 26 अधिकारी हुए शामिल, कार्यक्रम में अपशिष्ट से धन परिवर्तन में अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्रों का किया जाएगा दौरा](https://ghamasan.com/wp-content/uploads/2023/07/ghamasan-46114754.jpeg)
कार्यक्रम विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों को सम्मिलित कर एक व्यापक शिक्षण अनुभव प्रदान करता है। इसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए केंद्रीकृत प्रणाली, अपशिष्ट जल प्रबंधन, अपशिष्ट से ऊर्जा और अपशिष्ट से बायो-मेथेनेशन जैसे अपशिष्ट प्रबंधन पहलू शामिल हैं। इसके अलावा, कार्यक्रम में व्यवहार परिवर्तन और सामुदायिक भागीदारी पर सत्र भी शामिल हैं, जो पर्यावरणीय पहल में मानव व्यवहार के महत्व पर प्रकाश डालते हैं। प्रतिभागियों को अपशिष्ट संग्रहण अभ्यास में आधुनिक प्रौद्योगिकियों में अंतर्दृष्टि प्राप्त होगी, जो दक्षता और स्थिरता को बढ़ा सकती है। अन्य प्रमुख विषयों में नेतृत्व और संचार, इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग, पॉलिसी लैंडस्केप, ग्रीन क्रेडिट और कार्बन क्रेडिट और सार्वजनिक निजी भागीदारी शामिल हैं। इस विविध पाठ्यक्रम का उद्देश्य उपस्थित अधिकारियों को समग्र समझ से लैस करना, उन्हें अपने संबंधित क्षेत्रों में स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन और WASH पहल चलाने के लिए सशक्त बनाना है। यह चर्चा ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देगी और प्रतिभागियों को स्थिरता पर सकारात्मक प्रभाव डालने, सभी के लिए स्वच्छ और हरित भविष्य को बढ़ावा देने के लिए सशक्त बनाएगी।
![आईआईएम के अन्वेषण कार्यक्रम 14 राज्यों के 26 अधिकारी हुए शामिल, कार्यक्रम में अपशिष्ट से धन परिवर्तन में अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्रों का किया जाएगा दौरा](https://ghamasan.com/wp-content/uploads/2025/02/GIS_5-scaled-e1738950369545.jpg)
अन्वेषण में विशेषज्ञता को अधिकतम करने के लिए एक सहयोगात्मक प्रयास में, आईआईएम इंदौर ने पांच प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ साझेदारी की है, जिनमें डेनवर विश्वविद्यालय, रटगर्स विश्वविद्यालय, ग्लासगो विश्वविद्यालय, लिवरपूल विश्वविद्यालय और बोकोनी विश्वविद्यालय शामिल हैं। इस वैश्विक तालमेल का उद्देश्य इंदौर स्वच्छता मॉडल को बढ़ाना और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए स्थायी समाधान विकसित करना है। उद्घाटन के दौरान, अन्वेषण फिल्म का भी अनावरण किया गया। यह फिल्म अन्वेषण के मूल मूल्यों और केंद्र बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करती है।
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) से 19.95 करोड़ रुपये का के अनुदान प्राप्त करने के साथ ही अन्वेषण भारत में स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छता मानकों पर स्थायी प्रभाव डालने के लिए तैयार है। आईआईएम इंदौर में अन्वेषण का अत्याधुनिक कॉम्प्लेक्स है। इसमें उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक कार्यक्रमों और ऑनलाइन कक्षाओं की सुविधा के लिए सिंक्रोनस और एसिंक्रोनस प्रौद्योगिकियों से सुसज्जित उन्नत स्टूडियो हैं। आधुनिक डिज़ाइन संकाय, कर्मचारियों और प्रतिभागियों के बीच सहयोग और सार्थक चर्चा को प्रोत्साहित करती है। अन्वेषण की पहली बैच के शुरुआत से आईआईएम इंदौर एक स्वच्छ और स्वस्थ भारत और उससे आगे के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।