Shukraditya Rajyog : वैदिक ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के राजा सूर्य और दैत्यों के गुरु शुक्र को अत्यंत प्रभावशाली माना गया है। सूर्य आत्मा, मान-सम्मान और नेतृत्व का प्रतीक हैं, जबकि शुक्र प्रेम, सौंदर्य, विलासिता और भौतिक सुख-सुविधाओं का कारक माना जाता है। सूर्य सिंह राशि के स्वामी हैं, मेष में उच्च और तुला में नीच के माने जाते हैं। वहीं शुक्र वृषभ और तुला राशि के स्वामी होते हैं, मीन में उच्च और कन्या में नीच के होते हैं।
वर्तमान समय में सूर्य कर्क राशि में गोचर कर रहे हैं और 17 अक्टूबर को तुला राशि में प्रवेश करेंगे। दूसरी ओर, शुक्र इस समय मिथुन राशि में स्थित हैं और 2 नवंबर को तुला राशि में प्रवेश करेंगे। जब तुला राशि में सूर्य और शुक्र एक साथ आएंगे, तो शुक्रादित्य राजयोग का निर्माण होगा। यह खास योग तीन राशियों के जीवन में सकारात्मक और शुभ परिणाम लाने वाला माना जा रहा है।
तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए यह समय उन्नति और सफलता का हो सकता है। हर क्षेत्र में उपलब्धियां मिलने के योग बनेंगे। भाग्य का साथ, आत्मविश्वास में वृद्धि और आय के नए स्रोत खुल सकते हैं। परिवार के साथ समय बिताने के अवसर मिलेंगे। छात्रों को पढ़ाई में अच्छे परिणाम मिलेंगे और अविवाहित लोगों को विवाह के प्रस्ताव मिल सकते हैं। साझेदारी में किए गए कार्य भी लाभदायक सिद्ध होंगे।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए शुक्रादित्य राजयोग आर्थिक रूप से लाभकारी रहेगा। इस अवधि में आय में वृद्धि और निवेश से लाभ के अवसर बनेंगे। व्यापारियों के लिए यह समय भाग्यवर्धक होगा, नई डील्स और मुनाफे के सौदे संभव हैं। घर में सुख-समृद्धि का वातावरण बनेगा। शेयर मार्केट, लॉटरी या सट्टे में भी लाभ की संभावना है। अटके हुए कार्य तेज़ी से पूरे हो सकते हैं।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए यह योग भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति कराने वाला हो सकता है। इस समय में प्रॉपर्टी और वाहन खरीदने के योग बन सकते हैं। नौकरीपेशा लोगों को नई जिम्मेदारियां और अवसर मिलेंगे, वहीं कारोबारियों के लिए यह गोल्डन पीरियड साबित हो सकता है। रियल एस्टेट, जमीन-जायदाद और प्रॉपर्टी से जुड़े कार्यों में विशेष लाभ मिलेगा। कार्यों में सफलता के प्रबल संकेत हैं।
शुक्रादित्य राजयोग क्या है?
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, ‘आदित्य’ का अर्थ सूर्य से है और जब सूर्य और शुक्र किसी कुंडली में एक ही राशि में स्थित होते हैं, तो उसे शुक्रादित्य राजयोग कहा जाता है। यह योग व्यक्ति के जीवन में प्रतिष्ठा, धन और सुख-सुविधाओं की प्राप्ति कराता है। सही स्थिति में यह योग जीवन के कई क्षेत्रों में उन्नति और सौभाग्य का द्वार खोल देता है।
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