इंदौर में स्कूली छात्रों की सुरक्षा पर पुलिस का फोकस, कमिश्नर ने स्कूल संचालकों के साथ की अहम बैठक, दिए सख्त निर्देश

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By Abhishek SinghPublished On: November 7, 2025

शहर में स्कूल बसों की सुरक्षित संचालन व्यवस्था और विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने स्कूल प्रशासकों एवं बस परिवहन संचालकों के साथ एक अहम बैठक आयोजित की। इस दौरान विद्यार्थियों और आम नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता मानते हुए बस संचालन की सुरक्षा से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई।

बसों की सुरक्षा ही प्राथमिकता – पुलिस कमिश्नर



पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से कहा कि “स्कूल के बच्चों और आम नागरिकों की सुरक्षा तथा सुरक्षित यातायात हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता और जिम्मेदारी है।” उन्होंने निर्देश दिए कि स्कूल प्रबंधन और बस संचालक सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें, ताकि बसों का संचालन पूरी तरह सुरक्षित रहे और किसी भी प्रकार की दुर्घटना या अप्रिय घटना की संभावना न रहे।

बैठक में जारी हुए यह निर्देश

  • गति सीमा: बसों में स्पीड गवर्नर सिस्टम अनिवार्य रूप से लगाया जाए, ताकि उनकी अधिकतम गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक न हो सके।
  • आपातकालीन उपकरण: बसों में आग लगने या किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अग्निशमन यंत्र, प्राथमिक उपचार किट और आवश्यक सुरक्षा सामग्री अनिवार्य रूप से उपलब्ध हो।
  • आपात द्वार: प्रत्येक बस में एक इमरजेंसी गेट की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि किसी संकट की स्थिति में यात्री सुरक्षित रूप से बाहर निकल सकें।
  • वाहन फिटनेस: बसों की तकनीकी फिटनेस और निर्धारित मानकों की नियमित जांच की जाए। किसी भी स्थिति में खराब या मानकविहीन वाहनों को सड़क पर न उतारा जाए।
  • चालक का लाइसेंस: बस चालक के पास वैध और भारी वाहन चलाने के लिए उपयुक्त ड्राइविंग लाइसेंस होना आवश्यक है, जिसकी वैधता की नियमित जांच की जानी चाहिए।
  • चालक का स्वास्थ्य एवं प्रशिक्षण: ड्राइवरों की शारीरिक जांच (विशेष रूप से दृष्टि परीक्षण) समय-समय पर कराई जाए और उन्हें सुरक्षा एवं यातायात नियमों का उचित प्रशिक्षण दिया जाए।
  • पुलिस सत्यापन: यह सुनिश्चित किया जाए कि चालक और परिचालक का कोई आपराधिक रिकॉर्ड न हो। इसके लिए उनका पुलिस वेरिफिकेशन आवश्यक रूप से कराया जाए, साथ ही यह भी निगरानी में रखा जाए कि वे नशे की हालत में वाहन न चलाएं।
  • जीपीएस और सीसीटीवी निगरानी: सभी स्कूल यह सुनिश्चित करें कि उनकी बसों में नियमों के अनुसार जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम और सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से स्थापित हों, ताकि वाहनों की हर गतिविधि पर सतत निगरानी रखी जा सके।