एमपी के इस शहर की 23 सड़कें मास्टर प्लान के तहत हो रही हैं चौड़ी, 400 करोड़ की लागत से होगा निर्माण

इंदौर में यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए केंद्र सरकार ने 400 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है, जिससे 23 प्रमुख सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है। चंद्रभागा से कलालकुई मस्जिद तक 80 फीट चौड़ी सड़क समेत अन्य मार्गों का विकास तेजी से हो रहा है, जिससे ट्रैफिक और जलभराव की समस्याओं का स्थायी समाधान मिलेगा।

Srashti Bisen
Published:
एमपी के इस शहर की 23 सड़कें मास्टर प्लान के तहत हो रही हैं चौड़ी, 400 करोड़ की लागत से होगा निर्माण

इंदौर शहर में यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने और शहर को आधुनिक स्वरूप देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। केंद्र सरकार ने इंदौर की 23 प्रमुख सड़कों के चौड़ीकरण के लिए 400 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है।

इस बजट के तहत नगर निगम ने मास्टर प्लान की सड़कों पर अतिक्रमण हटाने का कार्य भी प्रारंभ कर दिया है, और कई जगहों पर निर्माण का काम तेजी से चल रहा है।

चंद्रभागा से कलालकुई मस्जिद तक बनेगी 80 फीट चौड़ी सड़क

शहर के भीड़भाड़ वाले क्षेत्र चंद्रभागा से कलालकुई मस्जिद तक की सड़क को अब 80 फीट चौड़ाई में विकसित किया जा रहा है। इस सड़क पर पहले कहीं 40 फीट तो कहीं 60 फीट चौड़ाई थी, जिससे ट्रैफिक बाधित होता था। अब पूरे खंड को समान चौड़ाई में बनाया जा रहा है।

सड़क निर्माण से पहले सीवरेज लाइन और नर्मदा पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू हो गया है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, करीब डेढ़ महीने के भीतर सड़क के बेस का कार्य शुरू किया जाएगा।

अवैध निर्माण हटाने पर हुआ विरोध

पिछले महीने नगर निगम ने इस क्षेत्र में 25 अतिक्रमण हटाए, जिससे कुछ विरोध की स्थिति बनी, लेकिन अब जब निर्माण कार्य शुरू हो गया है, तो स्थानीय लोग यातायात में सुगमता को लेकर राहत महसूस कर रहे हैं। यह सड़क सीधे गंगवाल बस स्टैंड से सरवटे बस स्टैंड को जोड़ती है और ट्रैफिक का दबाव इसी क्षेत्र में सबसे ज्यादा होता है। नई सड़क बनने के बाद यह दबाव काफी हद तक कम हो सकेगा।

पहले से की जा रही सीवरेज और जल निकासी की व्यवस्था

इंजीनियरिंग विभाग ने सड़क निर्माण से पहले अधोसंरचना विकास पर खास ध्यान दिया है। सीवरेज लाइन, नर्मदा जल आपूर्ति पाइपलाइन और स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज लाइन एक साथ डाली जा रही है ताकि भविष्य में किसी भी मरम्मत या निर्माण के लिए सड़क को दोबारा न खोदना पड़े। चूंकि यह इलाका ढलान और ऊंचाई वाला है, इसलिए बारिश के दौरान जलभराव की आशंका रहती है। इसे ध्यान में रखते हुए बड़े जल निकासी पाइपों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रख तैयार हो रहे इंदौर-उज्जैन मार्ग

शहर की दीर्घकालिक विकास योजनाओं को देखते हुए कई अन्य मास्टर प्लान सड़कों को भी चौड़ा किया जा रहा है। 2028 में उज्जैन में प्रस्तावित सिंहस्थ मेले को ध्यान में रखते हुए इंदौर-उज्जैन कनेक्टिविटी को प्राथमिकता दी गई है। एमआर-4 और एमआर-12 जैसे मार्गों का तेजी से विकास किया जा रहा है। इनमें से एमआर-12 सड़क का निर्माण कार्य इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) के माध्यम से संचालित हो रहा है। योजना के अनुसार, अगले तीन वर्षों में ये मार्ग पूरी तरह से तैयार होकर उपयोग में लाए जा सकेंगे।

इंदौर की ट्रैफिक समस्या को मिलेगा स्थायी समाधान

इंदौर की सड़कों के चौड़ीकरण और अधोसंरचना सुधार की यह योजना शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन योजनाओं के पूरा होने के बाद ट्रैफिक जाम, जलभराव और अव्यवस्थित विकास जैसी समस्याओं से शहर को राहत मिलेगी।