Raksha Bandhan 2025 : रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते का पर्व जरूर है, लेकिन इसकी महत्ता केवल राखी बांधने तक सीमित नहीं है। इस दिन बहनें जहां अपने भाइयों की लंबी उम्र और सफलता की कामना करती हैं, वहीं हिंदू धर्म में इसे एक अति पावन तिथि माना गया है, जिसमें कुछ खास दान करने से स्वयं बहनों के जीवन में भी सकारात्मक परिवर्तन आ सकता है।
शास्त्रों में उल्लेख है कि यदि इस दिन कुछ विशेष वस्तुओं का दान सच्चे मन और श्रद्धा से किया जाए, तो पापों से मुक्ति, सुख-शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है।
तांबा या पीतल
रक्षाबंधन के दिन तांबे या पीतल के बर्तन का दान करना बेहद शुभ माना गया है। तांबा सूर्य ग्रह से जुड़ा है, जबकि पीतल गुरु ग्रह का प्रतीक है। इनका दान करने से यह दोनों ग्रह मजबूत होते हैं, जिससे धन-धान्य में वृद्धि होती है और जीवन की आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं। विशेष रूप से अगर यह बर्तन किसी वृद्ध महिला, ब्राह्मण या मंदिर में दान किया जाए, तो इसका पुण्य कई गुना बढ़ जाता है। साथ में यदि बर्तन में मिठाई, अनाज या गेहूं भरकर दान करें, तो यह उपाय और भी अधिक फलदायी सिद्ध होता है।
साड़ी या वस्त्र
अगर रक्षाबंधन पर गरीब महिलाओं या कन्याओं को सुंदर नए वस्त्र या साड़ी दान की जाए, तो यह शुक्र और चंद्रमा जैसे ग्रहों को बल प्रदान करता है। इस उपाय से जीवन में आकर्षण, प्रेम और सुख-शांति का आगमन होता है। यदि आप साड़ी के साथ चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी आदि सुहाग की सामग्री भी दान करें, तो देवी लक्ष्मी की कृपा अवश्य प्राप्त होती है। यह उपाय उन बहनों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो वैवाहिक या संतान संबंधी समस्याओं का सामना कर रही हैं।
शिक्षा सामग्री का दान
इस पवित्र अवसर पर गरीब बच्चों को पेन, कॉपी, किताबें, स्कूल बैग जैसी शैक्षणिक सामग्री दान करना बहुत पुण्यदायक माना गया है। ऐसा करने से न सिर्फ उस बच्चे की शिक्षा में सहायता मिलती है, बल्कि दानकर्ता के घर में भी विद्या, शांति और मां सरस्वती की कृपा बनी रहती है। यदि किसी के बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता, तो यह उपाय अत्यंत लाभकारी हो सकता है। दान करते समय अपनी नीयत साफ और मन में सच्ची भावना रखें।
तिल और घी का दान
रक्षाबंधन पर तिल और देसी घी का दान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही, पूर्वजों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है, जो जीवन में हर तरह की बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है। यह उपाय खासकर उन परिवारों के लिए आवश्यक है, जिनके जीवन में बार-बार परेशानियां या दुर्भाग्य आ रहा हो। यदि इसे ब्राह्मण को तिल, घी और कुछ अनाज के साथ दान किया जाए, तो यह पितृ दोष, कालसर्प दोष और शनि की साढ़े साती जैसी स्थितियों से भी राहत दिला सकता है। तिल का दान मन की शुद्धि और नकारात्मकता को दूर करने में प्रभावी होता है।
Disclaimer : यहां दी गई सारी जानकारी केवल सामान्य सूचना पर आधारित है। किसी भी सूचना के सत्य और सटीक होने का दावा Ghamasan.com नहीं करता।