अधिक सुगम और सुरक्षित होगा आवागमन, एमपी में यहां 33.14 करोड़ की लागत से बनेगा फोरलेन ओवरब्रिज

खजुराहो-झांसी फोरलेन के बागेश्वर धाम तिराहे पर 33.14 करोड़ रुपए की लागत से EPC मोड में नया ओवरब्रिज बनाया जाएगा, जिससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी और यातायात सुगम होगा। टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जमीन अधिग्रहण की जरूरत नहीं है, और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा।

Srashti Bisen
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खजुराहो-झांसी फोरलेन पर स्थित बागेश्वर धाम तिराहे पर अब एक महत्वपूर्ण ओवरब्रिज बनने जा रहा है। यह निर्माण कार्य नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के क्षेत्रीय कार्यालय, भोपाल की निगरानी में होगा। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 33.14 करोड़ रुपए तय की गई है।

ओवरब्रिज के निर्माण के बाद इस क्षेत्र में होने वाले हादसों में भारी कमी आने की संभावना है, साथ ही वाहन चालकों को बिना किसी रुकावट के सफर करने की सुविधा मिलेगी।

ईपीसी मोड पर बनेगा ओवरब्रिज, कंपनी खुद बनाएगी डीपीआर

एनएचएआई द्वारा इस फ्लाईओवर का टेंडर EPC (Engineering, Procurement and Construction) मोड पर जारी किया गया है। इस मॉडल के तहत जिस कंपनी को टेंडर मिलेगा, वही कंपनी निर्माण कार्य से पहले इस प्रोजेक्ट की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) भी तैयार करेगी और फिर उसी के अनुसार निर्माण प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी। इससे प्रोजेक्ट की गुणवत्ता और गति दोनों पर नियंत्रण बना रहेगा।

जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य

1 मार्च 2025 को यह टेंडर ऑनलाइन जारी किया गया था। 21 मार्च तक चार कंपनियों ने इस टेंडर के लिए आवेदन किया, जिनमें एमएस एस एंड बी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स, नित्यारिता इंफ्राप्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, ओम कंस्ट्रक्शन, और श्री बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। 22 मार्च से टेंडर खोलने और लोअर बिडर (सबसे कम कीमत वाली कंपनी) के चयन की प्रक्रिया शुरू की गई। अब टेंडर को अंतिम मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही निर्माण कार्य का सर्वे आरंभ किया जाएगा।

जमीन अधिग्रहण की नहीं पड़ेगी जरूरत

बागेश्वर धाम तिराहा, जो गढ़ा और गंज गांव के समीप स्थित है, वहां पहले से एनएचएआई के पास आवश्यक भूमि मौजूद है। चूंकि यह क्षेत्र पहले ही फोरलेन और प्रस्तावित सिक्स लेन के लिए आरक्षित है, इसलिए यहां भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यह बात परियोजना के तेज़ी से आगे बढ़ने में एक बड़ा सकारात्मक कदम मानी जा रही है।

एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर दीपक चापेकर के अनुसार, भोपाल से टेंडर प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और कम दर पर बोली लगाने वाली कंपनी का चयन कर लिया गया है। अब जल्द ही क्षेत्र में सर्वे कर निर्माण की शुरुआत की जाएगी, जिससे आने वाले समय में इस रूट पर आवागमन और अधिक सुगम और सुरक्षित हो सकेगा।