MP Longest Highway : मध्यप्रदेश में बीते कुछ वर्षों में आधारभूत ढांचे, विशेषकर सड़कों के निर्माण में अभूतपूर्व प्रगति देखी गई है। राज्य अब देश के परिवहन नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनकर उभरा है। इसी कड़ी में प्रदेश का सबसे लंबा नेशनल हाईवे, NH-46, कनेक्टिविटी के लिहाज से एक लाइफलाइन साबित हो रहा है। यह हाईवे न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ा रहा है, बल्कि व्यापारिक गतिविधियों को भी गति दे रहा है।
ग्वालियर से बैतूल तक का सफर
नेशनल हाईवे-46 (NH-46) पूरी तरह से मध्यप्रदेश की सीमा के भीतर स्थित है। इसकी कुल लंबाई 504 किलोमीटर है। यह हाईवे उत्तर में ग्वालियर से शुरू होकर दक्षिण में बैतूल तक जाता है। इस दौरान यह प्रदेश के कई प्रमुख शहरों और व्यापारिक केंद्रों को आपस में जोड़ता है। पहले की तुलना में अब इस मार्ग से यात्रा सुगम और कम समय लेने वाली हो गई है।
11 जिलों को जोड़ता है यह हाईवे
यह सड़क केवल एक रास्ता नहीं, बल्कि आर्थिक विकास का गलियारा है। NH-46 प्रदेश के 11 जिलों से होकर गुजरता है। इसकी शुरुआत ग्वालियर से होती है और यह शिवपुरी, गुना, ब्यावरा, भोपाल, औबेदुल्लागंज, होशंगाबाद (नर्मदापुरम) और इटारसी होते हुए बैतूल पहुंचता है। इन जिलों के जुड़ने से स्थानीय व्यापार और कृषि उपज के परिवहन में बड़ी मदद मिल रही है।
कनेक्टिविटी का मजबूत आधार
मध्यप्रदेश को ‘भारत का दिल’ कहा जाता है और भौगोलिक रूप से यह देश के मध्य में स्थित है। NH-46 जैसे हाईवे इस केंद्रीय स्थिति का लाभ उठाने में मदद करते हैं। यह हाईवे न केवल राज्य के भीतर यातायात को सुचारू बनाता है, बल्कि उत्तर भारत को दक्षिण भारत से जोड़ने वाले अन्य प्रमुख राजमार्गों के लिए भी एक फीडर रूट का काम करता है।
सड़कों का फैलता जाल
राज्य सरकार और केंद्र सरकार के प्रयासों से मध्यप्रदेश में सड़कों का जाल लगातार फैल रहा है। अच्छी गुणवत्ता वाली सड़कों के निर्माण से लॉजिस्टिक्स की लागत कम हुई है और उद्योगों को बढ़ावा मिला है। NH-46 का निर्माण और रखरखाव इसी विकास यात्रा का एक अहम हिस्सा है, जो ग्वालियर-चंबल संभाग को मध्य और दक्षिण मध्यप्रदेश से सीधे तौर पर जोड़ता है।










