
मध्यप्रदेश विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में ई-विधान प्रणाली की शुरुआत फिलहाल संभव नहीं हो पाएगी। कार्यवाही को पेपरलेस बनाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन एनआईसी द्वारा टैबलेट की आपूर्ति न हो पाने के कारण इसका क्रियान्वयन अब शीतकालीन सत्र तक टाल दिया गया है। विधानसभा के प्रमुख सचिव ए.पी. सिंह ने बताया कि मानसून सत्र के दौरान विधायकों को डिजिटल कार्यप्रणाली का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे नई प्रणाली से परिचित हो सकें। उन्होंने कहा कि आगामी सत्र से ई-विधान व्यवस्था को लागू किया जाएगा और इसके लिए विशेषज्ञों की सहायता से विधायकों को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिससे किसी भी प्रकार की परेशानी से बचा जा सके।
टैबलेट खरीदी में देरी बनी ई-विधान में बाधा
विधानसभा के लिए NIC को 250 टैबलेट की खरीदी करनी थी, लेकिन तकनीकी मानकों और खरीद प्रक्रिया में देरी के चलते यह कार्य समय पर पूरा नहीं हो सका। ई-विधान प्रणाली लागू होने के बाद प्रश्नोत्तर सत्र, दस्तावेज़ और अन्य विधायी सामग्री टैबलेट के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। विधायकों को सदन की कार्यवाही में भाग लेने के लिए इन्हीं टैबलेट का उपयोग करना होगा।

सदन में हर टेबल पर होगा टैबलेट
ई-विधान प्रणाली लागू होने के बाद विधानसभा में स्पीकर, मुख्यमंत्री और सभी विधायकों की सीटों पर टैबलेट लगाए जाएंगे, जिनके जरिए वे सदन से जुड़े दस्तावेज और सूचनाएं डिजिटल रूप में देख सकेंगे। केंद्र सरकार की इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए विधानसभा द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, हालांकि नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) द्वारा टैबलेट की खरीद अब तक पूरी नहीं हो पाई है।