लाड़ली बहना योजना मध्यप्रदेश में एक बार फिर राजनीतिक बहस का केंद्र बन गई है। हाल ही में इस योजना के पोर्टल में किए गए बदलावों को लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार पर जोरदार हमला किया है। विशेष रूप से, पोर्टल में लाभ परित्याग ऑप्शन जोड़ा गया है, जिसके बारे में कांग्रेस ने आशंका जताई है कि इस बदलाव से प्रदेश की महिलाओं को बड़ा नुकसान हो सकता है।
कांग्रेस प्रवक्ता मिथुन अहिरवार ने इस बदलाव को लेकर आशंका जताई कि इस ऑप्शन से महिलाएं योजना से बाहर हो सकती हैं, ठीक उसी तरह जैसे केंद्र सरकार ने एलपीजी सब्सिडी को समाप्त करने के लिए एक ऑप्शन दिया था। उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार भी उसी तरीके से महिलाओं के नाम काटने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस का आरोप है कि पहले ही लाखों महिलाओं के नाम काटे जा चुके हैं और अब नए नाम भी नहीं जोड़े जा रहे हैं।

लाड़ली बहना योजना को लेकर राज्य सरकार पर कांग्रेस का हमला
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 से पहले राज्य सरकार ने लाड़ली बहना योजना की शुरुआत की थी, जिससे बीजेपी को चुनावी लाभ मिला था। इसी कारण कांग्रेस इस योजना पर लगातार सवाल उठाती रही है। हालांकि, राज्य सरकार ने दावा किया है कि योजना से बाहर हुए 3 लाख से ज्यादा महिलाएं सिर्फ उम्र के कारण बाहर हुई हैं, क्योंकि उनकी उम्र 60 साल से ज्यादा हो गई थी।
कांग्रेस का आरोप है कि योजना में किए गए नए बदलावों से महिलाओं को मिल रही वित्तीय सहायता में कटौती की योजना बन सकती है। साथ ही, कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि लाखों महिलाओं के नाम पहले ही योजना से हटा दिए गए हैं और नए नामों को जोड़ने की प्रक्रिया भी ठप है।
राज्य सरकार क्यों नहीं जोड़ रही नए नाम?
कांग्रेस ने यह भी बताया कि 1 मार्च तक 3 लाख से अधिक महिलाओं के नाम लाड़ली बहना योजना से काटे जा चुके थे। विधानसभा में कांग्रेस विधायक अभिजीत शाह के सवाल के जवाब में यह तथ्य सामने आया। राज्य सरकार ने यह सफाई दी है कि ये महिलाएं योजना से बाहर हुईं हैं क्योंकि उन्होंने 60 साल की उम्र पूरी कर ली थी। लेकिन कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाया है कि जब महिलाओं के नाम उम्र के कारण कटाए जा रहे हैं, तो 21 साल की हो रही महिलाओं को योजना में क्यों नहीं जोड़ा जा रहा?