मध्यप्रदेश के 70वें स्थापना दिवस के अवसर पर पूरे प्रदेश में उत्सव जैसा माहौल रहा। राजधानी भोपाल के रवींद्र भवन में राज्यस्तरीय मुख्य समारोह भव्य तरीके से आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मौके पर “अभ्युदय मध्यप्रदेश” कार्यक्रम के अंतर्गत मध्यप्रदेश@2047 विजन डॉक्यूमेंट का विमोचन किया। इस दौरान प्रदेश को विकास की दिशा में नई सौगातें मिलीं। उज्जैन हवाई अड्डे के विस्तार से संबंधित अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए, साथ ही रीवा-नई दिल्ली और रीवा-इंदौर फ्लाइट सेवाओं के अनुबंध भी सौंपे गए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ओंकारेश्वर अभयारण्य की घोषणा करते हुए कहा कि यह धार्मिक और पारिस्थितिक दृष्टि से राज्य का नया पहचान बिंदु बनेगा। इसके साथ ही उन्होंने एमपी ई-सेवा पोर्टल, इन्वेस्ट एमपी 3.0 पोर्टल और वॉश ऑन व्हील्स मोबाइल ऐप का लोकार्पण किया, जो राज्य में डिजिटल प्रशासन और ग्रामीण स्वच्छता को नई दिशा देंगे।
2047 तक के लिए विकास का खाका — आत्मनिर्भर और सशक्त मध्यप्रदेश का संकल्प
सीएम मोहन यादव ने विजन डॉक्यूमेंट जारी करते हुए कहा कि यह दस्तावेज केवल एक योजना नहीं, बल्कि “नए मध्यप्रदेश निर्माण की आधारशिला” है। उन्होंने बताया कि इस विजन के केंद्र में जनसहभागिता है। इसे हर नागरिक, पंचायत और जिले की भागीदारी से तैयार किया गया है। 2047 तक राज्य को “सशक्त, आत्मनिर्भर और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध” बनाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस डॉक्यूमेंट के जरिये प्रदेश अगले दो दशकों में शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, कृषि, और पर्यटन के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होगा।
ओंकारेश्वर अभयारण्य: धार्मिक धरोहर से पर्यावरणीय संतुलन तक
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि खंडवा और देवास जिलों के क्षेत्रों को मिलाकर “ओंकारेश्वर अभयारण्य” विकसित किया जाएगा। यह अभयारण्य धार्मिक पर्यटन और पर्यावरणीय संरक्षण दोनों दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा। इस योजना के तहत नर्मदा किनारे हरित पट्टी विकसित की जाएगी और आसपास के क्षेत्रों में इको-टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने “वॉश ऑन व्हील्स” मोबाइल ऐप की शुरुआत की, जिसके माध्यम से ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता और जल संरक्षण संबंधी सेवाओं को अधिक प्रभावी तरीके से लागू किया जा सकेगा।
विजन डॉक्यूमेंट की रूपरेखा और नीति आयोग का सहयोग
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कार्यक्रम के दौरान विजन डॉक्यूमेंट की प्रमुख विशेषताओं पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि इस डॉक्यूमेंट को तैयार करने में नीति आयोग का विशेष सहयोग मिला है। राज्य के हर जिले, पंचायत और नागरिकों से राय लेकर इसे अंतिम रूप दिया गया है। उन्होंने बताया कि विकसित मध्यप्रदेश के तीन मुख्य स्तंभ – सुख, समृद्धि और सुसंस्कृति हैं। ये तीनों क्षेत्र मिलकर प्रदेश की सामाजिक और आर्थिक उन्नति की नींव रखेंगे। उन्होंने कहा कि “मेक इन मध्यप्रदेश” को बढ़ावा देकर राज्य को औद्योगिक विकास के केंद्र के रूप में उभारा जाएगा।
एआई सिटी और स्मार्ट सर्विस सेक्टर का नया युग
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने घोषणा की कि राज्य में अब 3 एआई (Artificial Intelligence) आधारित स्मार्ट सिटी विकसित की जाएंगी। इन सिटी को ऐसे मॉडल के रूप में तैयार किया जाएगा, जहां उद्योग, तकनीक और सेवा क्षेत्र एक साथ विकसित होंगे। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के 97 प्रतिशत किसानों की डिजिटल रजिस्ट्री पूरी हो चुकी है, जिससे कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता और तकनीकी सुधार संभव हुआ है। खेती को नई तकनीक से जोड़कर राज्य “नेक्स्ट जेनरेशन एग्रीकल्चर” की दिशा में आगे बढ़ेगा।
विकास के साक्षी बने उद्योगपति और नीति निर्माता
इस ऐतिहासिक समारोह में प्रदेश के कई उद्योगपति और केंद्रीय प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। एमएसएमई मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप, अडानी ग्रुप के प्रबंध निदेशक प्रणव अडानी, संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी, विधायक रामेश्वर शर्मा, भगवानदास सबनानी, और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन विपिन कुमार कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहे। कार्यक्रम का माहौल उत्साह और उम्मीदों से भरा रहा ऐसा लगा मानो मध्यप्रदेश आने वाले दो दशकों में विकास, संस्कृति और नवाचार का प्रतीक बन जाएगा।










