इंदौर। इस बार मानसून के बदलते करवटों के बीच सितम्बर में लगभग माह रुक-रुककर बारिश हुई। लेकिन अब 1 अक्टूबर को भी इंदौर में बारिश शुरू हो गई। आपको बता दें कि, दोपहर 3 बजे शहर के कुछ हिस्सों में रिमझिम तो कहीं हल्की बारिश हो गई। जिसका प्रभाव अब इंदौर सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में नजर आ रहा है। वहीं दूसरी ओर मालवा-निमाड़ में सोयाबीन की फसलें तैयार हैं, लेकिन कई जगह तो लगातार बारिश से फलियों में अंकुरण शुरू हो गया। इसी कड़ी में अब बारिश से फसलों को और खतरा बढ़ गया है और किसानों के चेहरे मुरझाने लगे हैं। साथ ही मौसम विभाग ने इसे बंगाल की खाड़ी में आए गुलाब चक्रवात का प्रभाव बताया है।
ALSO READ: माफियाओ के विरूद्ध अभियान जारी, खाचरोद के सटोरिए का मकान तोड़ा

गौरतलब है कि, इस साल बारिश को लेकर मौसम विभाग का अनुमान लगभग सटीक ही रहा है। साथ ही अब विभाग ने 29 सितम्बर तक बारिश जताई थी। इसके बाद दो दिन पहले बताया था कि उड़ीसा, बंगाल की खाड़ी में गुलाब चक्रवात आया था जिसका रुख अब अरब सागर की खाड़ी की ओर है। इसके चलते इसका असर गुजरात, छत्तीसगढ़ और पश्चिम मप्र में रहेगा। इससे इंदौर, धार, झाबुआ, मंदसौर, रतलाम, नीमच में 2-3 अक्टूबर को सामान्य बारिश की संभावना जताई थी।

मौसम वैज्ञानिक (एग्रीकल्चर कॉलेज) डॉ. एचएल खापडिया ने बताया कि सिस्टम में अगर हवा तेज रही तो इसका असर 5-6 अक्टूबर तक रह सकता है। इस बीच 1 अक्टूबर को दोपहर तक तेज धूप रही और फिर 3 बजे बाद बारिश शुरू हो गई। इसके पहले सितंबर में लगातार हुई बारिश ने महू, मानपुर, पीथमपुर, बेटमा आदि क्षेत्रों की सोयाबीन की फसलें जो पककर तैयार थी, उसकी फलियों में अंकुरण हो गया क्योंकि ये फैसले पहले बावनी की थी। अब इसमें नमी होने से किसानों को मंडी में अभी सही कीमत नहीं हो नहीं मिल रही है।