शॉर्ट फिल्म बिस्कुट ने जीते 10 इंटरनेशनल अवॉर्ड, इंदौर में हुआ यूट्यूब प्रीमियर

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By Raj RathorePublished On: August 4, 2025

इंदौर में कॉमेडी को नए स्वरूप में प्रस्तुत करने वाली शॉर्ट फिल्म ‘बिस्कुट’ का यूट्यूब प्रीमियर आयोजित किया गया। ओपियम पिक्चर्स और सिफर फिल्म्स के बैनर तले बनी एवं निर्माता पीयूष चौधरी द्वारा निर्मित और गौतम जोशी द्वारा निर्देशित इस कॉमेडी फिल्म को दुनिया के कई फिल्म फेस्टिवल्स में प्रदर्शित किया गया और इस फिल्म को दादा साहब फाल्के फिल्म फेस्टिवल में स्पेशल मेंशन मिला इसके अलावा फिल्म ने 6 इंटरनेशनल अवॉर्ड जीते और 7 से अधिक फेस्टिवल्स में प्रदर्शित किया गया है।

फिल्म की कहानी एक साधारण बिस्कुट के ज़रिए हास्य और दो भाइयों के बीच के चुटिले रिश्ते को प्रदर्शित करती है। मालवी भाषा और मालवा के परिदृश्य में रची इस फिल्म ने दर्शकों को एक नई दुनिया सेलूलोईड पर रची है। फिल्म को पहले ही 10 से अधिक अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में पुरस्कार मिल चुके हैं, जिसमें दादा साहेब फाल्के फिल्म फेस्टिवल 2024 में “स्पेशल मेंशन” का सम्मान भी शामिल है।

फिल्म के निर्माता पीयूष चौधरी ने बताया कि कॉमेडी जैसी जॉनार में एक्सपेरिमेंट करना बहुत बड़ा रिस्क था। लेकिन साथ ही ये एक अवसर भी था सिनेमा में नया टेस्ट देने का. हम अब जल्द ही फुल स्क्रीन कि तरफ बढ़ने वाले है इस फ़िल्म ने हमें इंटरनेशनल मंच पर जाने का कॉन्फिडेंस दिया है।

निर्माता गौतम जोशी ने बताया कि मालवा से हमें प्यार है और मालवी से भी एक्टर रोहित तिवारी और क्षितिज पवार की केमिस्ट्री ने इसके हास्य में जान डाल दी है। ये दोनों इंदौर से निकले इंटरनेशनल स्टार है साथ ही प्रमोद फरक्या जी के मार्गदर्शन ने हमें बड़ा सोचने की ताकत दी है। 6 से ज्यादा इंटरनेशनल अवॉर्ड इसका बेस्ट एग्जाम्पल है. स्टोरी टेलिंग कि हमारी यात्रा अभी बड़ा रूप लेने जा रही है।

इस फिल्म में इंदौर के कलाकारों ने काम किया है जिसमें रोहित तिवारी और क्षितिज पवार ऑलरेडी नेशनल मंच और नेशनल फिल्मों में अपना हुनर दिखा रहे हैं। इस फिल्म की विशेषता यह है कि जिस तरह एक हाई एंड टिपिकल बॉलीवुड फिल्म जिन रिसोर्सेस के साथ शूट की जाती है, जैसे सोनी वेनिस कैमरा हमने यूज किया है, रिकॉर्डर्स और जो गैजेट्स यूज किए हैं वह हाई एंड फीचर फिल्म वाले यूज किया है।

अगर आर्टिस्ट की बात की जाए, राइटर, डायरेक्टर, आर्टिस्ट इंदौर के हैं, लेकिन टेक्नीशियन जो सिनेमा को अच्छे तरीके से जानते हैं, वह हमने मुंबई से बुलाए। एडिटर, जो साउथ की फिल्में एडिट करते हैं, उन लोगों से एडिट करवाया ताकि एडिटिंग में एक नया स्टाइल समझ में आ सके। जो सिनेमेटोग्राफर है, वह मणिरत्नम के साथ और राजीव मेनन के साथ, उनको असिस्ट करते थे—बी वेंकट प्रसाद। उनसे हमने सिनेमेटोग्राफी कराई ताकि हम हमारी लोकेशंस को बेहतर तरीके से प्रस्तुत कर पाए।