कई बार हम यह अनुभव करते हैं कि घर का माहौल अचानक बोझिल, तनावपूर्ण या नकारात्मक हो जाता है, न कोई स्पष्ट कारण, न कोई बड़ी वजह। काम बनते-बनते अटक जाते हैं, मानसिक शांति डगमगाने लगती है। ऐसे में संभव है कि आपके घर की ऊर्जा या वास्तु संतुलन बिगड़ा हुआ हो। वास्तु शास्त्र के अनुसार, सिर्फ भवन की दिशा ही नहीं, बल्कि घर की सजावट और डेकोरेशन का भी आपके जीवन पर गहरा असर पड़ता है।
यदि आप चाहते हैं कि आपके घर में न सिर्फ सुंदरता हो, बल्कि वहां सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा भी बनी रहे, तो इसके लिए बहुत बड़े बदलाव की आवश्यकता नहीं होती। बस कुछ छोटे-छोटे वास्तु-अनुकूल डेकोर आइटम्स का सही जगह पर उपयोग करना ही पर्याप्त है। आइए जानें ऐसे ही तीन प्रभावशाली और शुभ डेकोर उपाय, जो घर को खुशहाल बना सकते हैं।
मोर पंख
मोर पंख को शास्त्रों में अत्यंत शुभ माना गया है। यह न केवल बुरी नजर से बचाता है, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा को भी घर से बाहर कर देता है। इसे मुख्य द्वार के पास या फिर पूजा स्थान के उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) अथवा दक्षिण-पूर्व कोने में सजाना सबसे उपयुक्त होता है। मोर पंख सौभाग्य और मानसिक शांति को आकर्षित करता है। यदि आप लंबे समय से किसी मानसिक तनाव या रुकावट का अनुभव कर रहे हैं, तो यह एक सरल लेकिन प्रभावी उपाय हो सकता है।
सात घोड़ों की पेंटिंग
सफेद रंग के सात घोड़े जो सूर्य की ओर दौड़ते दिखाए गए हों, ऐसी पेंटिंग को वास्तु में अत्यंत शुभ माना गया है। यह चित्र न सिर्फ आर्थिक उन्नति और व्यावसायिक सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह घर में सक्रियता, जीवन में गति और प्रेरणा भी लाता है। इसे घर की पूर्व या उत्तर दिशा की दीवार पर लगाना चाहिए, विशेषकर लिविंग रूम में। यह चित्र आपके परिवार में सौहार्द, सामंजस्य और ऊर्जा का प्रवाह बनाए रखता है।
फिश पेंटिंग
कोई या सुनहरी मछलियों की पेंटिंग भी वास्तु शास्त्र में शुभ मानी जाती है। यह सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देती है और जीवन में समृद्धि लाती है। फिश पेंटिंग को उत्तर दिशा या ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में लगाना चाहिए। यह विशेष रूप से उन परिवारों के लिए उपयोगी है जहाँ रिश्तों में तनाव या आर्थिक असंतुलन की स्थिति रहती है। यह चित्र ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित कर, घर के वातावरण को सौम्य और शांत बनाता है।
सही दिशा और देखभाल से मिलता है पूर्ण लाभ
इन तीनों डेकोर वस्तुओं का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। गलत दिशा में रखा हुआ शुभ आइटम भी अपना पूर्ण प्रभाव नहीं दिखा पाता।
- मोर पंख: मुख्य द्वार के ऊपर या पूजा स्थान के उत्तर-पूर्व कोने में।
- सात घोड़ों की पेंटिंग: पूर्व या उत्तर दिशा की दीवार पर, जहां सुबह की रोशनी पहुंचती हो।
- फिश पेंटिंग: उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या उत्तर दिशा में।
इसके अलावा, इन वस्तुओं को आंखों की ऊंचाई पर लगाएं और उनकी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। पेंटिंग्स को तेज धूप से बचाएं, मोर पंख को समय-समय पर सूती कपड़े से साफ करें। फ्रेम या स्टैंड में इनकी स्थापना से न केवल उनकी खूबसूरती बनी रहती है, बल्कि दीवारों को भी नुकसान नहीं होता।
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