सावन का संपूर्ण महीना भगवान शिव की उपासना के लिए समर्पित होता है, लेकिन इसमें आने वाली सावन पूर्णिमा का विशेष महत्व है। यह दिन श्रद्धा, व्रत, स्नान और दान के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। वर्ष 2025 में सावन पूर्णिमा 9 अगस्त, शनिवार के दिन पड़ रही है। इस दिन शिवभक्त उपवास रखते हैं, गंगा स्नान करते हैं और भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह दिन इतना शक्तिशाली होता है कि कुछ विशेष दान करने से न केवल भगवान शिव, बल्कि माता लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है। इन दानों के पीछे न केवल धार्मिक आस्था जुड़ी होती है, बल्कि इनके साथ जीवन में सुख, शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि भी प्रवेश करती है।
आइए जानते हैं इस दिन का धार्मिक महत्व और कौन-सी चीजें दान करने से पुण्यफल की प्राप्ति होती है…
अन्न का दान
सावन पूर्णिमा पर किसी भूखे, निर्धन या जरूरतमंद को चावल, गेहूं या दाल जैसे अनाज दान करना बेहद पुण्यदायक माना जाता है। यह न केवल धार्मिक कर्तव्य है, बल्कि इससे घर में कभी अन्न का अभाव नहीं होता। साथ ही, ऐसा दान करने से शिव कृपा भी बनी रहती है और परिवार में संतुलन और संतोष बना रहता है।
वस्त्रों का दान
इस पावन अवसर पर वस्त्रों का दान करना विशेष रूप से शुभ होता है। यदि आप किसी गरीब, वृद्ध या असहाय व्यक्ति को नए वस्त्र दान करते हैं, तो यह आपकी कुंडली में शुभ ग्रहों को सशक्त करता है। साथ ही, इससे मन में शुद्धता आती है और जीवन की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
दूध का दान
भगवान शिव को दूध अत्यंत प्रिय है। सावन पूर्णिमा के दिन दूध का दान करना या शिवलिंग पर दूध अर्पित करना न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से शुभ होता है, बल्कि इससे मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन भी प्राप्त होता है। आप चाहें तो मंदिर में दूध से अभिषेक करें या किसी जरूरतमंद को दूध वितरित करें।
मिठाई का दान
दूध से बनी मिठाइयों, जैसे खीर, बर्फी या रसगुल्ला आदि का दान करना सावन पूर्णिमा के दिन बेहद शुभ माना जाता है। यह कार्य माता लक्ष्मी को भी प्रसन्न करता है। जब लक्ष्मी कृपा होती है, तो घर में खुशहाली, धन-समृद्धि और मानसिक आनंद का वास होता है।
फलों का दान
इस दिन मौसमी फलों का दान भी एक विशेष पुण्य कार्य है। फल दान करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और पुराने रोगों या मानसिक तनावों से छुटकारा मिलता है। यह दान विशेष रूप से स्वास्थ्य में सुधार और दीर्घायु की प्राप्ति के लिए लाभकारी होता है।
सावन पूर्णिमा का आध्यात्मिक महत्व
सावन पूर्णिमा केवल दान का दिन नहीं, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति का पर्व है। इस दिन व्रत रखने, गंगा स्नान करने और शिव की आराधना करने से जीवन में शुभता का संचार होता है। इसके अलावा, इस दिन चंद्रमा की पूजा भी अत्यंत फलदायक मानी गई है। यह उपाय चंद्र दोष को दूर करने और मन को स्थिर व शांत रखने में सहायक होता है।
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